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अध्याय-७
१४५
शान्तिप्रभसूरि
नरशेखरसूरि (वि०सं० १५८४/ई०सन् १५२८ में पार्श्वनाथपत्नीपद्मावतीहरणरास
के रचनाकार) २१ श्लोकों की अज्ञातकृतक पिप्पलगच्छगुर्वावली नामक एक रचना भी उपलब्ध हुई है। श्री भंवरलाल नाहटा ने इसे प्रकाशित कराया है । इसमें उल्लिखित गुरु-परम्परा इस प्रकार है :
शांतिसूरि
विजयसिंहसूरि
देवप्रभसूरि
धर्मघोषसूरि
शीलभद्रसूरि
परिपूर्णदेवसूरि
विजयसेनसूरि
धर्मदेवसूरि (त्रिभवीयाशाखा के प्रवर्तक)
धर्मचन्द्रसूरि
धर्मतिलकसूरि
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