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अध्याय-७
१३१
चन्द्रकीर्तिसूरि
मानकीर्ति
अमरकीर्ति
मुनिधर्म (वि०सं० १६५७/ई०स० १६०१
में सिरिवालचरिय के प्रतिलिपिकार) उक्त छोटी-छोटी प्रशस्तियों के आधार पर इस गच्छ के मुनिजनों की एक तालिका निर्मित की जा सकती है, जो इस प्रकार है :
चन्द्रकीर्तिसूरि (सारस्वतव्याकरणदीपिका के रचनाकार)
मानकीर्ति (कल्याणमंदिरस्तोत्रटीका
एवं अन्य कृतियों के कर्ता)
हर्षकीर्ति पद्मचन्द्र (सारस्वतव्याकरणदीपिका
की रचना के प्रेषक)
शिवराज भावचन्द्र (गोपालटीका के रचनाकार)
अमरकीर्ति महो० देवसुन्दर
(कल्याणमंदिरस्तोत्रटीका के संशोधक)
मुनिधर्म
(वि०स० १६५७/ई०स० १६०१ में श्रीपालचरित के प्रतिलिपिकार
ऋतुसंहारटीका के रचनाकार अमरकीर्ति१५ और वि०सं० १६५७ में सिरिवालचरिय के प्रतिलिपिकार मुनिधर्म के गुरु अमरकीर्ति एक ही व्यक्ति मालूम होते हैं ।।
सारस्वतव्याकरणदीपिका की प्रशस्ति में उल्लिखित रचनाकार चन्द्रकीर्ति के गुरु राजरत्नसूरि और प्रगुरु सोमरत्नसूरि समसामयिकता, नामसाम्य, गच्छसाम्य आदि को देखते हुए अभिलेखीय साक्ष्यों में उल्लिखित राजरत्नसूरि और उनके गुरु सोमरत्नसूरि से अभिन्न माने जा सकते हैं। इस आधार पर चन्द्रकीर्तिसूरि और रत्नकीर्तिसूरि, सोमरत्नसूरि के
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