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अध्याय-६ नेमिनाथनवभवरास, पद्य २३० मालदेव (भावदेवसूरि के शिष्य), मरु-गूर्जर, देसाई, जैन
गूर्जरजैनकविओ, भाग-२, पृष्ठ ५५-६५, भाग ३,
पृ० ३६३-६४. नेमिराजुल धमाल, पद्य ६५ वही. पंचपुरी
पदसंग्रह
पद्मरथचौपाई, गाथा ६९ पद्मावतीपद्मश्रीरास, पद्य १८१५ वही. पार्श्वनाथस्तवनम्
मुनिचन्द्रसूरि (यशोभद्रसूरि-नेमिचन्द्रसूरि के शिष्य),
संस्कृत, देसाई, जैनसाहित्यनो..., कंडिका ३३२-३४. पुरंदरचौपाई, पद्य ३७२ मालदेव, (भावदेवसूरि के शिष्य), मरु-गूर्जर,
जैनगुर्जरकविओ, भाग २, पृ० ५५-६५. पृथ्वीचंद्रचरित
शांतिसूरि (नेमिचन्द्रसूरि के शिष्य), प्राकृत, वि० सं० ११६१, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, वाराणसी से ई०
सन् १९७२ में प्रकाशित. प्रभातस्मरण
वादिदेवसूरि (मुनिचन्द्रसूरि के शिष्य), साध्वी महायशाश्रीजी, प्रमाणनयतत्त्वालोक की भूमिका, पृ०
१८-१९. प्रवचनसारोद्धार
नेमिचंद्रसूरि (आम्रदेवसूरि के शिष्य), प्राकृत, वि० सं०
१२१६, प्रकाशित. बृहद्गच्छगुर्वावली, पद्य ३७ मुनि मालदेव (भावदेवसूरि के शिष्य), संस्कृत, वि० सं०
१७वीं शताब्दी, मुनि जिनविजय, संपा० विविधगच्छीय
पट्टावलीसंग्रह में प्रकाशित.. बंधस्वामित्ववृत्ति
हरिभद्रसूरि (जिनदेवसूरि के शिष्य), जिनरत्नकोश, पृ० २८१, देसाई, जैनसाहित्यनो..., कंडिका ३४७.
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