________________
(५६)
माहि/माहई अगनि मांहि (१४९०), कोट्ट मांहि (५८३०), सायर मांहि (१४४२) [पुल्लि] त्रिभूवन मांहि (६३), वन माहइं (१९२) पाणी मांहि (२०३) मन मांहइं (२८८) [नपु.]
उपर बतावामां आवेलां अने केटलीय गमिकी विभक्तिओना सादा अर्थ आपवा सामान्य रीते वपराता नामयोगीओ उपरांत प्राचीन गुजरातीमां बीजा पण घणां नामयोगी छे, अमांना केटलाक नीचे दर्शाव्या छे.
विण/विना सुत विण (६७), भय विण (९२२), ज्ञानी विण (११९२) [पुल्लिग] धर विण (८), इघण विण (१४६७), जल विण (11७०) [नपु०] अरथी विना (२०५), मेह विना (१३५१). दिवस विना (१८७७) हंस विना (२०५५).
साथिसाथ मन साथि (३६२), सज्जन साथि (२१८३), सखी साथि (५५२). वनिता साथई (१९०४), सज्जन साथइ (१६७०), मन साथिइ (९२३)
हेठि/हेटलि करीयलि हेठिं (२६१), तरुयर हेडलिं (२५७), धवल-गृह हेठलिं (१३७०)
आगलि प्रिउ आगलि (९१), पंजर आगलि (४३७), ससि आगलि (५८७), प्रिय आगलि (६०९).
वचालि थल वचालि (६०१), हृदय विचालि (७३१).
काजि/काजई गुण काजि (१४३१), क्रीडा काजि (१४९९), परीक्षा जावा काजइ (६४२), गुण उपराजन काजि (३३१), मिलवा काजि (१६०५).
पाख
पुत्र पाखइ (६४), वन पाखइ (६६), जल पाखई (७२८).
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org