SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 280
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शृंगारमंजरी २०५ अजाण किस्यु करइ ग. लिहावो कपूरई ग्रह्यो १३०४. ग. जे हस्यु लागो चीत्त १३०७. ग. भिलि न मेहलाई अग. नयण-रस ग. अवटावई ११०८. ग मिलि न मेहलहे ११०९. ख. मन (व)वडी ग. जांगईग. बाहिर देखाडि सती अ. राग आसाउरी, राजा राजा नव नधि मेरे, ओ देशी, ख. ढाल २६, राग आसाउरी, राजा राजा नवनधि मेरे ओ देशी. ग. ढाल २६. राग आसाउरी, राजा राजा नवनधि मेरे, ओ देशी. घ. राग आसाउरी. राजा राजा नवनिधि मेरे ओ देशी १३१२. ग. कलियुगमां को... ग रा० अ. दुपद; ख दूपद; ग. दूपद १३१७. ग. कुंण ग च्यार ग. कहई रे सरुप अ. तथाहि; ख. अथ पातालसुंदरी संबंधो कथ्यते, तथाहि; ग अथ पातालसुंदरी संबंधो कथ्यते, तथाहि; घ. तथाहि १३१८. ग. सुविशाला ग. रसाला १३१९. ख.ग. जयवंत सेन १३२०. घ. गरवई घ. गई ग. सामाजिक नि बोलिं १३२२. अख.ग. अक कोविद १३२३. अ.ख ग. महिलाचरित ग. महिलाचरित्र न जांणई १३२७. घ. माग हींसइ १३३०. अख.ग. पांचसि १३३३. आ कडी प्रत 'कमां नथी. ग्रथपाठमां प्रत 'ख'माथी लीधी छे. १३३४ आ कडी प्रत 'क'मां नथी. ग्रंथपाठमां प्रत 'खमाथी लीधी छे. ग. सोनी १३३८. ग. नरहिं पाई अख.ग.घ. दूहा १३३९. ग. सुंणी १३४१. अख.घ. ओक-मन ग. मरोई तेहनि साथि १३४२. ग. हुई अख.ग. बहुंआ ग. हुई ख. कांता; ग. पाखइ १३४२. अ.ख.ग. रज्ज १३४५. ग. तो लक्ष मिलसि ग अंतरि का विचार १३४७. ग. जो मंडीजई १३४९ ख.ग.घ. सत्त. वंती ग. रहई ख ग. माणसडां तस हीण १३५०. ग तरस्यां मरइ १३५३. ग. अकई माणसज्जस नहीं १३५४. ख.ग.घ. सही ग.घ. रच्चतां ग. हाथि १३५५. घ. हीया केडू हीद १३५७. नुहि विरंग १३५९. ग. फुलबडु खणई १३६०. अ. जि; ख. ज; ग. जं; अ.ख तुली रुधिर १३६१. ग. कुसमि भिल्यां अ.ख.ग. चम्म मिलंत १३६२. घ ग. पड्यउं क. उछ ख. इक्ष १३६३. ग. मनिं हुई बग शं(का) घ. ओलां साथिं १३६४. अ.ख ग. यांन १३६६. घ. कसीया १३६७. ग. नोहि ख,ग. विकार अ. राग गुडी, संभारी संदेसडु मे देशी ख. ढाल २७, राग गुडी, संभारी सदेसड्डु, ओ देशी. ग. ढाल २७, राग गोडी. संभारी संदेसडो, ओ देशी घ. राग गूडी संभारी संदेसडु, अदेशी. १३६९. ग नहींतरि सर्व अ.ख ग. इम १३७१. ग वीसासणि कोक घाई १३७४. ग. शीलई १३७५. ग. नाम न जांणई ग. न दाखई दे १३७६. ग. बांध्यो ते साथि १३७८. घ. नुहि मयण १३८१. ग जणि कर्या ख. आपणू; ग. आपणु अ.ख.ग. मनलिइ विश्व भेद घ. मनडु लिइ विश्राम दे अ. राग गुडी ख. ढाल २८, राग गुडी ग. ढाल २८, राग गोडी घ. राग गुडी १३८२. ग. तेह विण ग. न नहि १३८४. ख.ग. तेहबू १३८७. ग. तुठो राजन मेहलइदांण १३८९. क चमर हरि ग. छइग. नांमि सु वेश्या घ. चमरीय हारी १३९२ ग. साल न दीसई कांइ असार १३९३. ग. वहिलो जाइं स्यु गुडो १३९५. ख भा(स)इ; ग. भासई अ.ख.ग.घ. दूहा १३९७ प्रत 'क' मां आ कडी नथी. ग्रंथपाठमां प्रत 'अ'मांथी लीधी .१४००. खग. आखडीओ ख. अलजु; १४०१. ग. हइड हर्ष न माई १४०२. ग. दूरि तेहसु; घ. दूरि तेहसिउं अ. संतोख स थाइ; ख संतोख न सथाई १४०४. अ.ख.ग. प्रलाप ग. माणस वध विधडां १४०५. ग करइ ग. पइंटो १४०७. ग. जेहस्यु लागो वेघडो ग. तां दव लागो वेडि १४०८.ग. दहई पूरी क. घणी १४०९. ग. अणुंराय १४१०. ख.ग. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004029
Book TitleShrungarmanjari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanubhai V Sheth
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1978
Total Pages308
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy