________________
१९४
जयवंतसूरिकृत
ग. गेइ. अ. चित्तुह; ग. चित्तह. ग. रूठई' ख. ठाहीठ; ग. ठाहीवई. ग. कहो कोय अ.ग. होय. अ.ग. वल्ली वन केरीअ. ख. वल्ली वन केरी. अ. तेणइ: ग. तेणइ; ग. तुडइ. ग. खेलई वासहरी. अ.ख. शी० सुंदरी. ग. शो० मुदरी ४३०. अख.ग. शी० धनुष. ४३१. अ.ख. शी० सोइदोरु; ग. सोइदोरा. अ. इत्यर्थप्रहेलिका जाति. ख. इत्यर्थप्रहलिका जाति; ग. इत्यर्थप्रहिलिका जाति ४३३. अख.ग. शी (?) अ. पूर्व हरेणकांमोदग्ध; अ. ख. हरलिंगा; ग हरिलिंगा. ४३४ ग घणे ४३९. ग झांखर थाई. ग. गांमिनि अ. उद्धब्भण; ग. उध्वअब्भुअ; घ. उध्वअबुज ४४० अ.ग. रथा सम्महु सज्जन ग. लाजइ चतुरां. अ.ग. विखडइ. ४४१. घ. रसई अ.ग. कवण ग. अंतरई ४४२ प्रत 'अ', 'ख', 'ग', अने घ'मां प्रस्तुत कडी नथी. ४४३. ख. करिउ: ग. करिओ अ. ह्यालिका जाति, केचितु गूढ जाति प्राहु, ३४ ४४४. अ. वाही इ; ग. वाहीइ. ४४५. अ. घ. मधुर सरिंग. मधुकर सरइ ग. तेहनइ लीण अ. नाजीवीणि ४४६. घ. बलवंत नीसरइ हैंइ. अ. नागांभल, अहुति जाति (पंक्ति पछी तरत); ख. नाजीभल्ल (४४) अपह्नुति जाति ३५; ग. नाजीभल्ल (५०) अपहनुति जाति ३५. ४४७. ग नलूबहू अ. सिरीखी पीउं. ख. शिख; ग. सिखा पीउं ४४८. अ. दुरारांरिरिरार; ख. रुरीरांर्निरिंग; ग दुरीरांरिंरिंगर. अ. ररररिरिरारिरि; ख. रररररारिरिशं; ग. रररिरिरारिरूरितं. अ. रारररररार; ख. रोरसिंरररीर; ग राररिरंस्ररार अ. इत्यादि मूलदेवी, सहदेवी, करपल्लवी, नेत्रपल्लवी, अंक पल्लवी, बिंदु पल्लवी, नाद पल्लवी, ऊषध पल्लवी, ध्यान्य पल्लवी, वर्णपरावतदिभाषां, बिंदुमंती प्राहु, इछालिपि प्रभृती नपि ३६ ४५०. अ.ख.ग. शी० सिंहलंकी, हंसगमनी ४५१. ग. छप्पय ४५२. ग. नारिं अ. जु हुइ; ख.ग. जो हुई अ.ख.ग. प्रेम अपार ख.ग. गंगायां ४५३. अख.ग. हार ४५४. ग. बल्लही. ग. कहो ते अ. नागवल्ली, नाटा शिलाजाति ३७; ख नागवल्ली, नाटशिलाजाति ३७. ग. नागवल्ली, शी० नाटशिला जाति ३८. ४५५. अ. शी० वधावु; ख. शी० वधावु; ग.. शी० वधावो ४५६. ग. वाव्यं जंगति अ शो० केशपास, समस्याजाति; ख. शी० केशपास, समस्याजाति ३८; ग. शी. केशपास, समस्यांजाति ३९ ४५७ ख. सोइ नाम; ग. सोइ नांम अ.ख. बहल्लेन; ग. बइलेन ४५८. घ. चात (क) अ. विरहि हुँ बलि; ग विरहिं हुं दुबली अख.ग. प्रिय क... मां नथी; घ मां नथी. ४५९. प्रत क. अख.मां आ कडी नथी ग तणें नामें सो ख. ग. कुहु: अ. इति प्रश्नाधिकार, ३९ ख इति प्रश्नाधिकार, ३९ छ; ग. इति प्रश्नाधिकार, ३९ छ. अ. ख. पुनरजितः पृछति अंककला वेछि शीलवती ४६०. अ.ख.ग. शी० घ. शीलवती उवाच. ख.ग. भेवं चाके अ. अणं सर्व वन चंपके; ख. अवं सर्व वन चंपक अ. १ कोडि ९ लाख ९१ सहस ७६४८ अ. ख ग. शी० अ. ९ शत, १२ इति मास सख्या अ.ख.ग. शी० चित्र चारेय प्रतमां ग्रंथपाठ प्रमाणे छे. अ. ख.ग. अ ग. त्रीजइ भूई पडीओ ख कर - कमलि; घ. करमलि ४६१. अ. खग. चप्पु अ. रसलहरि ख.ग. रसलहिरि घ. चञ्थउ रस लहरिं ४६२ अ.ग. विक्षपि नाठां अ. चुथइ; ग. चोथई अंशि अख. शी० ४०; ग. ४० अ. श्री. ख इति गणित अंक पृच्छा, छ श्री श्री. ग. इति गणित पृच्छा श्री ४६४. घ. जिम नाई विजलधार ४६७. ख. दूध क. सीता ४६९. ग. नांहा नाई सुविचार ४७१. ग. बालो - रवि वंदा ४७२. ग. नांहान ४७६. ग. वेध्यो फुल ४७७. अ. उ भमरु उ कमलिनी; अ. उ द्राक्षा, ओ वीर क. साजन अ.ख. उ नर नवरंग होंग; ग ओ नर नवरंग हींग ४८० परिसंपमा;
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org