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________________ २५४ ] वृहद्र्व्यसंग्रहः [पारिभाषिक शब्द १२४ १४१ शब्द पृष्ठ । शब्द पृष्ठ द्रव्य मोक्ष १०२५३ २२६२३० । नरक ११६, ११७, ११८, ११६ द्रव्य स्तवन नरक बिल ११५, ११६ द्रव्य संग्रह २३२, २३३ | नरकांता नदी द्रव्य संवर ६३, ६४ नलिना (देश) १२६ द्रव्यश्रुत २२३, २२७ नक्षत्र १३४,१३६ द्रव्यार्थिक नय ८,६,७५,७६,१०३,२३० नागकुमार द्रव्यानुयोग १८० नागेन्द्र पर्वत १३३ द्रव्यास्त्रव नाभिगिरि १२२, १२३ द्वीप ११६, १२० नामपद २०३, २०५ द्वीपकुमार (देव) नारायण १११, ११८, १६५, १६८ द्वीपायन (मुनि) नारी (नदी) १२४ द्वेष २०१, २०२ निगमन (अनुमान) २०६, २१० निगोद १०७, ११४ नित्य ४४,७४, ७६ ___६८, ६६, १००, १४४ धर्म (अनुमान) नित्यनिगोद १०७ २०८,२०६ धर्म अनुप्रेक्षा १४४ निदानशल्य १८१ धर्म द्रव्य ४८,४६,५३,५४,७०,७४,७५,७६,७७ निमित्त १३४ धमध्यान १६८,२०१,२२२,२२६,२२७ निर्गतित्व ४२ धवल निर्गोत्रत्वं धर्मी (अनुमान) २०८, २०६ निर्जरा ८०,८१,८३,८४,११२,११३,१४६, धातकी खंड १२०,१३१,१३२,१३५,१७० १५०,१५१ धातु (७) निर्नामवं धारा नगरी निर्योगत्वं धूमप्रभा (नरक) ११४ निर्विचिकित्सा ध्रौव्य ४५, ६२, ६३, ६७, ६८ नि:दत्तां ध्याता १६६, २०३, २१८, २१६, २२२ | निरायुषत्वां ध्यान १६५,१६६,२०३,२०५,२१८,२१६, निरिन्द्रियत्वं २२०,२२२,२२३,२२४,२२५,२२६, | निष्कांक्षित १६६ २२७,२२८,२३० ध्येय २०४, २०५, २१८, २१६, २३० निष्कायवां निषध १२१,१२२,१२३,१२४,१२७,१२८,१३२ निश्चय आराधना २१७, २२२ नमस्कार २१७ | निश्चय चारित्र १८६, १६३ नमस्कार मंत्र २०३ निश्चय ध्यान २०४,२११,२१८,२१६,२२० २०६ २ ४२ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004016
Book TitleBruhad Dravya Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBramhadev
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year1958
Total Pages284
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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