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मद्य में आसक्ति से यश का नाश : १०७ सहसा इस महफिल में एक शराबी महोदय को ऐसा लगा कि वेश्या उसकी ओर आना तो दूर, नजर भी डालना पसंद नहीं करती। अतः उसने ईर्ष्यावश क्रोधित होकर अपने पास वाले व्यक्ति को, जिसकी ओर वह वेश्या अनेक बार आ चुकी थी, एक धक्का दिया, फिर क्या था, उस व्यक्ति ने उसी सिक्के में जवाब दिया। दोनों व्यक्तियों के रिश्तेदार और तथाकथित मित्र वहाँ उपस्थित थे ही। तुरंत वे दो दलों में विभक्त हो गये । फ्रीस्टाइल (स्वतंत्र प्रणाली की) अनेक कुश्तियाँ शुरू हो गई। द्वन्द्वयुद्ध से प्रारम्भ होकर वह सामूहिक कुश्तियों में परिवर्तित हो गई। फिर तो कौन अपना है, कौन पराया, इसका विचार न कर अन्धाधुन्ध एक-दूसरे पर वार करने लगे। यह मद्य ही था, जिसने उनकी विवेक-बुद्धि का नाश कर दिया था।
यह हो-हल्ला सुनकर विवाह के कार्य की व्यवस्था में लगे हुए कुछ लोग दौड़े आए, परन्तु वे बीच-बिचाव करें उससे पहले ही सभी बाराती आपस में लड़-झगड़ कर औंधे-सीधे गिरकर बेसुध हो चुके थे।
___ मद्य : नेत्र-संवेदननाशक शराब मनुष्य को हिये का अंधा तो बनाती ही है, आँखों से अन्धा भी बना देती है । वास्तव में आँखों का सम्बन्ध मस्तिष्क से ही है। जब मस्तिष्क की संवेदनशक्ति का ह्रास या लोप हो जाता है तब आँखें भी सही काम करना बन्द कर देती हैं, कान भी भली-भाँति श्रवण से जवाब दे देते हैं । एक मोटर ड्राइवर ने बहुत शराब पी रखी थी। कुछ मीलों की दूरी तक तो वह ठीक तरह से मोटर चलाता रहा, किन्तु २०-२५ मिनट बाद ही वह एक वृक्ष से जा टकराया, भयंकर एक्सीडेंट हुआ । होश में आने के बाद जब डॉक्टर ने उससे पूछा, तो उसने उत्तर दिया- "मुझे उस समय सामने एक नहीं, दो पेड़ दिखाई दे रहे थे, इसलिये मैंने अपनी मोटर को दोनों पेड़ों के बीच में से निकालने का प्रयास किया था।"
यह है-शराब पीने पर दिमाग में गड़बड़ हो जाने के कारण एक वस्तु को दो-दो देखने की दुर्दशा !
मद्य : श्रवण-संवेदननाशक इसी प्रकार शराब के प्रभाव से जब मस्तिष्क गड़बड़ा जाता है तब कान का श्रवण-संवेदन भी कम पड़ जाता है । उसे जो कुछ भी कहा जाता है, वह पहले तो सुनता ही नहीं, सुन भो ले तो उस पर विचार नहीं करता।
एक मोटर बस यात्रियों को लेकर लगभग ३०० मील दूर के एक शहर की और रात को ८ बजे चल दी । मोटर तेज रफ्तार से भागी जा रही थी। लगभग डेढ़ बजे एक बस स्टेण्ड पर मोटर रुकी। ड्राइवर और कुछ सवारियां चाय-पानी के लिये नीचे उतरीं। ड्राइवर एक शराब की दुकान में घुसा और शराब पीकर व एक बोतल में कुछ और शराब लेकर लौटा । मोटर स्टार्ट करके पाँच-दस मील पार हुई होंगी कि असाधारण तीव्रगति से दौड़ने लगी। सड़क का कभी एक तो कभी दूसरा किनारा
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