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राजमन्त्री बुद्धिमान सोहता ३३७ नहीं है। राजा के मन में एक विचार स्फुरित हुआ कि यहाँ तालाब खुदवा दिया जाए तो सम्भव है उसका पानी कभी नहीं सूखेगा, अखूट रहेगा।
विचक्षण मन्त्री ने राजा के मनोगत भावों को जान लिया। उसने राजधानी में आकर राजा के कहे बिना ही उस स्थान पर सरोवर खुदवाने का कार्य प्रारम्भ करा दिया। समय पर कार्य पूर्ण हो गया। वहां सरोवर पानी से लहराने लगा।
कुछ दिनों बाद राजा पुनः उसी रास्ते से गुजरा। उसने देखा कि वहां एक सुन्दर सरोवर लहरा रहा है। राजा अत्यन्त प्रसन्न हुआ और मन्त्री से पूछा"यह शुभ कार्य कब और किसने करवाया है ?" __ मन्त्री ने कहा-"राजन् ! यह आपके मूक-आदेश का पालन हुआ है।"
मन्त्री का यह कथन सुनकर राजा ने उसकी योग्यता और विनम्रता पर अतीव प्रसन्न होकर उसे बहुत-सा पुरस्कार दिया।
तात्पर्य यह है कि राजा द्वारा मन में सोची हुई बात को जानकर जो मन्त्री शीघ्र ही कार्यान्वित कर देता है, वही प्रशंसनीय मन्त्री होता है।
देशकाल देखकर कदम उठाने वाला बुद्धिमान मन्त्री का यह विशिष्ट गुण होता है कि वह देख लेता है, यह कौन-सा देश है या स्थान है, कैसा समय है ? दोनों की यथार्थ स्थिति का आकलन करके जो मन्त्री कदम उठाता है, उसे कभी असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ता । जब भी कोई समस्या या विपत्ति आकर पड़ती है तो मन्त्री जनता और शासक की रक्षा के लिए बार-बार देशकाल की स्थिति का चिन्तन करता रहता है और समय पर उचित कदम भी उठाता है।
प्राचीन रोम और कारथेज में काफी अर्से से संघर्ष चल रहा था। रोम के लगातार आक्रमण से कारथेज, जो कि एक छोटा-सा टापू था, काफी परेशान था। उसकी सारी सम्पत्ति और जनशक्ति रोम के हमलों से स्वयं को बचाने में खर्च हो रही थी, व्यापार-वाणिज्य आदि विभिन्न धन्धे चौपट हो गये थे। इस विषम परिस्थिति के समाधानार्थ वहां के गण्यमान्य व्यक्ति एक दिन एकत्रित हुए, बहुत तर्क-वितर्क के बाद उन्होंने निश्चय किया कि कुछ राजनीति-निपूण लोग रोम जाए और उस देश के मन्त्री के लिए काफी बहुमूल्य उपहार ले जाएं, ताकि उसकी सहानुभूति अपने देश के प्रति खींचकर उसके समक्ष सुलह का प्रस्ताव रख सकें।
निश्चित तिथि को कारथेज के चार गण्यमान्य व्यक्ति रोम के लिए रवाना हुए। रोम पहुँचने पर उन्हें पता चला कि प्रधानमन्त्री नगर से कुछ दूर एक गांव में रहते हैं । पूछताछ करके वे उनके घर पहुंचे। प्रधानमन्त्री खेत पर थे, उनकी पत्नी ने आगन्तुकों का स्वागत किया, बिठाया और कहा कि उसके पति हल लेकर खेत जोत रहे हैं, थोड़ी देर बाद आयेंगे ।
___ थोड़ी-सी प्रतीक्षा के बाद धूल-धूसरित प्रधानमन्त्री आ पहुंचे। आगन्तुकों के आश्चर्य का पार न रहा, उनका सादा मकान और सादी वेशभूषा देखकर! प्रधानमन्त्री
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