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परमार्थ से अनभिज्ञ द्वारा कथन : विलाप
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ही पूर्वाग्रह के वश ज्ञानी बनने का दावा करता है और दूसरों को धड़ल्ले से आध्यात्मिक ज्ञान देता है । वास्तव में पाश्चात्य विचारक राबर्ट हॉल ( Robert Hall ) के शब्दों में इसी तथ्य को अनावृत करू ँ तो वह इस प्रकार होगा
"Ignorance gives a sort of eternity to prejudice and perpetuity to error."
'अज्ञान पूर्वाग्रह को एक प्रकार की शाश्वतता और गलती को स्थायित्व प्रदान करता है ।'
केवल शास्त्रों को या जिनवाणी को घोंटने मात्र से ज्ञान नहीं आ जाता है, और न ही शास्त्रवचनों को दोहराने से ही ज्ञान आता है, वह तो विधिपूर्वक उनका अर्थ और रहस्य समझने से ही आता है ।
यथार्थज्ञान बिना कथन करना हास्यास्पद किसी भी सत्य को यथार्थरूप से समझने के बाद ही दूसरों के सामने प्रकाशित करना चाहिए अन्यथा व्यक्ति हँसी का पात्र बन जाता है । एक रोचक उदाहरण लीजिए
एक गाँव में एक मूर्ख आदमी रहता था, पर वह अपने आप को बहुत ही चतुर समझता था । बातें बनाने में बहुत ही कुशल था । भाग्यवश उसका विवाह एक संगीतज्ञ कन्या के साथ हुआ। वह अपनी पत्नी को लेने ससुराल गया । ससुराल में उसके साले भी संगीतज्ञ थे । उन्होंने विचार किया कि हम प्रातःकाल पंचम राग में गायेंगे । उसकी पत्नी ने अपने भाइयों की बातचीत सुनकर अपने पति से कह दिया कि सबेरे मेरे भाई आपसे पूछें कि हमने किस राग में गाया तो आप कह देनापंचमराग में ।
सुबह होते ही उस मूर्ख के सालों ने गाना गाया और अपने बहनोई ( उस मूर्ख) से पूछा - " क्या आप कह सकते हैं, हमने अभी किस राग में गाया था ।" उस मूर्ख ने तपाक से कहा – “अजी ! इसमें क्या पूछना है, वह पंचमराग ही तो था ।" यह सुनकर संगीतज्ञ सालों ने सोचा - इन्हें अपनी बातचीत का पता लग गया मालुम होता है । इसलिए गाँव से बाहर जाकर सालों ने सोचा- हमें कल सुबह धन्याश्री राग में गाना है, इस बार बहनोई से पूछेंगे तो कलई खुल जाएगी । अतः उन्होंने दूसरे दिन सुबह गाकर पूछा - " बताइए आज हमने कौन से राग में गाया ?" मूर्ख ने उत्तर दिया - "यह तो छठा राग था ?" इस पर सभी साले ठहाका मारकर परस्पर हँसने लगे । यह देखकर मूर्ख बोला - "अरे मूर्खो ! हँसते क्यों हो ? कल तुमने पंचमराग में गया था, इसलिए आज छठा राग ठीक ही तो था । क्योंकि पाँच के बाद छह आता हैं, यह तो छोटा-सा बच्चा भी जानता है ।" यह सुनते ही उसके साले और मजाक करने लगे - " वाह, क्या कहना है आपकी बुद्धि कमाल का !" उसकी पत्नी ने उसे धन्याश्री राग बताने के लिए धान्य की इंडिया बताई । उसे देखकर मूर्ख बोला- “हाँ
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