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________________ ३८ आनन्द प्रवचन : सातवाँ भाग खाक में जब मिल गये...... एक धनवान व्यक्ति किसी संत का भक्त था तथा कभी-कभी उनके दर्शन करने जाया करता था । एक दिन वह बोला-“भगवन् ! आज मुझे ऐसा उपदेश संक्षेप में दीजिये, जिसे मैं जीवन भर न भूल सकूँ और उस एक ही उपदेश के द्वारा अपनी आत्मा का कल्याण कर सकूँ। क्योंकि मेरे पास तो रोज घन्टों बैठकर आपका उपदेश सुनने का वक्त ही नहीं है। पास ही एक श्मशान था जहाँ कुछ समय पहले ही एक लक्षाधिपति को और एक घोर दरिद्री को लोग जला गये थे। संत ने जब अपने धनी भक्त की बात सुनी तो वे उसी वक्त उसे पकड़कर श्मशान में ले गये। भक्त घबराकर बोला-"गुरुदेव मुझ जीवित को ही आप श्मशान में किसलिए लाये हैं ?" संत मुस्करा दिये और बोले-“घबराओ मत ! मैं तुम्हें संक्षेप में उपदेश देने के लिए ही यहाँ लाया हूँ।" __ "क्या वह उपदेश श्मशान में ही दिया जा सकता है ?" "हाँ ।” कहते हुए संत ने उन जले हुए दोनों शवों के स्थानों से एक-एक मुट्ठी राख अपने दोनों हाथों में उठाई और भक्त से पूछा- "बताओ ! मेरी किस मुट्ठी में धनी व्यक्ति के शरीर की राख है और किस मुट्ठी में दरिद्र व्यक्ति के शरीर की ? भक्त नम्रता से बोला-"भगवन् ! यह मैं कैसे बता सकता हूँ ? राख तो धनवान के शरीर की और गरीब के शरीर की भी एक ही जैसी हो जाती है।" __ अब संत बोले-"वत्स ! मेरा बस यही एक छोटा सा उपदेश है, जिसे कभी मत भूलना कि कोई व्यक्ति चाहे करोड़पति हो और जीवन भर ऐशआराम करता रहे और कोई चाहे सदा दरिद्रता की चक्की में पिसता रहे, मरने पर तो दोनों के शरीर समान राख के रूप में परिणत हो जाते हैं। धन किसी के साथ नहीं जाता, साथ में केवल पुण्य और पाप ही चलते हैं । इसलिए अपने धन का गर्व और दुरुपयोग मत करना तथा दीन-दरिद्रों को नफरत की निगाह से मत देखना । क्योंकि मृत्यु धनी एवं निर्धन, दोनों को ही समान बना देती है। किसी शायर ने भी कहा है कितने मुफलिस हो गये, कितने तवंगर हो गये। खाक में जब मिल गये, दोनों बराबर हो गये। तो बन्धुओ, मैं आपको अभी यह बता रहा था कि रुपया-पैसा सच्चा धन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004010
Book TitleAnand Pravachan Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnand Rushi, Kamla Jain
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1975
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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