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भद्रबाहु-चाणक्य-चन्द्रगुप्त कथानक
[७] On being surrounded again by the alien King ef the Pratyanta ( Frontier ) State, King Nanda silences him with the help of Sakata. King Nanda is very much pleased with Sakata and
appoints him Chief of Royal Mess,
तं णिवेण कढाविउ तक्खणि बहु सम्माणिवि पेच्छत्तइँ जणि । भणइ राउ भो मंति तुरंत बइरिहु णिण्णासिउ णिभंते । ता सय. सबुद्धि कयमोएँ अरियणु उवसामियउ जु वेएँ । ता तासु जि पउत्तु पुणु राएँ लइ णिय मंतित्तणु मम वाएँ। तेण पउत्तु मंति-पउ दुस्सहु तं णउ गिण्ह मि हउँ एवहिँ पहु । तउ भोयणसाला णिरु पालमि पत्तापत्तहँ भेउ णिहालमि । णिविण तंपि पउ तासु जि दिण्णउ विप्पहँ भोयणु देइ अछिण्णउ ।
। घत्ता
एक्कहिँ दिणि पुर-बाहिरि गएण सय दिट्ठउ को वि णरु । दब्भहु सूईहि खणंतु णिरु मंतिं पुच्छिउ कोहधरु ॥७॥
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