________________
पि. 3
आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज
जिनकी सत्प्रेरणाऔर शुभाशीर्वाद से इस कृति का निर्माण संभव हुआ उन प्रातःस्मरणीय परम तपस्वी परम पूज्य सन्त शिरोमणि राष्ट्र सन्त, प्रशममूर्ति आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के कर कमलों में स्वयम्भू स्तोत्र-तत्त्वप्रदीपिका
नामक कृति श्रद्धा और भक्ति के साथ सादर सविनय समर्पित ।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org