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________________ प्रस्तावना ग्रन्थ नाम: इस ग्रन्थका नाम स्वयम्भूस्तोत्र है । स्वयम्भू शब्दसे प्रारंभ होनेके कारण इसका नाम स्वयम्भूस्तोत्र हो गया है। प्रारंभिक शब्दोंके अनुसार अन्य स्तोत्रोंके भी नामोंकी परिपाटी देखनेको मिलती है । देवागम, भक्तामर, एकीभाव और कल्याणमन्दिर जैसे स्तोत्रोंमें हम देखते हैं कि प्रारंभिक शब्दके अनुसार ही उनके नाम रूढ़ हो गये हैं । स्वयम्भूस्तोत्रमें स्वयम्भूपदको प्राप्त चौबीस तीर्थंकरोंकी स्तुति की गयी है। जो दूसरोंके उपदेशके बिना ही मोक्षमार्गको जानकर और उसका अनुष्ठान करके अनन्तचतुष्टयरूप आत्मविकासको प्राप्त होता है उसे स्वयम्भू कहते हैं । वृषभादि महावीर पर्यन्त चतुर्विशति तीर्थकर ऐसे ही स्वयम्भू हैं। अतः स्वयम्भू शब्द तीर्थकरका वाचक है और इसमें स्वयम्भुवों (चौबीस तीर्थंकरों) की स्तुति होनेके कारण इसका स्वयम्भूस्तोत्र यह नाम सार्थक है। इसका दूसरा नाम चतुर्विशतिजिनस्तोत्र भी है। क्योंकि इसमें चौबीस तीर्थंकरोंकी स्तुति की गयी है। स्तुति का स्वरूप ____ लोकमें स्तुतिका जो स्वरूप प्रचलित है वह इस प्रकार है-गुणस्तोकं सदुल्लंघ्य तद्बहुत्वकथा स्तुतिः । किसीमें अल्प गुण विद्यमान हैं। उन विद्यमान अल्प गुणोंका उल्लंघन करके उनके बहुत्वकी कथा करना-उनको बढ़ा-चढ़ाकर कहना स्तुति कहलाती है । आचार्य समन्तभद्रने चौबीस तीर्थंकरोंकी जो स्तुति की है वह ऐसी स्तुति नहीं है । यहाँ विद्यमान गुणोंको बढ़ा-चढ़ाकर कहनेका तो प्रश्न ही नहीं है । यहाँ तो समस्या यह है कि तीर्थंकरोंमें जो अनन्तगण विद्यमान हैं उनको कहा ही नहीं जा सकता है । अतः उन अनन्तगुणों से कुछ गुणोंके नाम कीर्तन मात्रसे सन्तोष करना पड़ता है । इस प्रकार श्रद्धापूर्वक तीर्थंकरोंके कुछ गुणोंका कथनमात्र या स्मरणमात्र ही स्तुति है। यह स्तुति लोक प्रसिद्ध स्तुतिसे सर्वथा भिन्न है। स्तुतिका प्रयोजन : स्तुत्यमें जो गुण विद्यमान हैं उन गुणोंको प्राप्त करनेका प्रयत्न करना स्तुतिका लक्ष्य या प्रयोजन है । तत्त्वार्थसूत्रके प्रारम्भमें कहा गया है Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004001
Book TitleSwayambhustotra Tattvapradipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year1993
Total Pages214
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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