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वर्णी-वाणी
२२. परस्त्री की ओर आंख उठाने वाला सर्वश्रेष्ठ बलशाली रावण भी अपना सर्वस्व स्वाहा कर चुका अतः परस्त्री को ओर कुदृष्टि से मत देखो। ___ उक्त शिक्षाओं से स्पष्ट है कि रामायण न केवल श्रीराम का पावन चरित है अपितु कल्याणार्थियों को कल्याण का सरल भार्ग एवं उज्वल भविष्य निर्माणार्थियों को आदर्श सरल उपाय भी हैं।
रामराज्य में जो सुख समृद्धि और शान्ति थी वह ऐसी ही आदर्श शिक्षाओं पर चलने के कारण ही थी। इसलिये जो व्यक्ति रामराज्य का स्वप्न साकार करना चाहते हैं उन्हें प्रावश्यक है कि वे १-उक्त शिक्षाओं पर स्वयं चलें, २-अपने कुटुम्बोजन, मित्रों एवं ग्रामवासियों को उन शिक्षाओं पर चलने का प्रोत्साहन दें, और ३- उन्हें बता दें कि रामराज्य की स्थापना राम बनकर की जा सकती है, रावण बनकर नहीं ।
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