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विद्यार्थियों को शुभ सन्देश साथ उसका तुलनात्मक अध्ययन करें, पठित विषय पर अपना पूर्ण अधिकार रखने का प्रयास करें। __२. शारीरिक संस्कारों से अपनी प्रवृत्ति को कलुषित न होने दें । ब्रह्मचर्य के संरक्षण का पूर्ण ध्यान रखें ।
३. अन्य सभी कामों के पहले जितनी शिक्षा प्राप्त करना हो उसे पूर्ण करके हो दूसरे कार्य करने का विचार करें।
४. छात्र जीवन में सदाचार पर पूर्ण ध्यान दें । ५. स्वप्न में भी दैन्य वृत्तिका समागम न होने दें।
६. अभिमान की मात्रा मर्यादातीत न हो परन्तु साथ ही साथ स्वाभिमान जैसा धन भी सुरक्षित रहे।
७. गुरु के प्रति भक्ति हो, अभीप्राय निर्मल हो । ८. मनोवृन्ति दूषक साहित्य और चित्रपट देखने से दूर
____. उत्तम पुरुषों के ही जीवन चरित अधिकांश पढ़ें। अधम पुरुषों के भी जोबन चरित पढ़ें परन्तु उनके पढ़ने में विधि निषेध का ज्ञान अवश्य रखें ।
१०. विद्याध्यमन के काल में शक्ति और समयानुसार धार्मिक ग्रन्थों का अध्ययन अवश्य करें।
११. “सन्तोष सबसे बड़ा धन है, और “सादगी सबसे अच्छा जीवन है" इन बातों का सदा स्मरण रखें ।
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