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है कि मैं घट को बनाऊँ तब काययोग के द्वारा आत्मा के प्रदेशों में चञ्चलता आती है और उस चञ्चलता की निमित्तता पाकर हस्तादिक के व्यापार द्वारा दण्डनिमित्तक
भ्रम होती है तब घटादिक की निष्पत्ति होती है। यह विकल्प और योग अनित्य हैं, कदाचित् अज्ञान के द्वारा करने से आत्मा इनका कर्ता हो भी सकता है परन्तु परद्रव्यात्मक कर्मों का कर्ता नहीं हो सकता है।
समयसार
यहाँ निमित्तकारण को दो भागों में विभाजित किया गया है— एक साक्षात् निमित्त और दूसरा परम्परा निमित्त । कुम्भकार अपने योग और उपयोग का कर्ता है, यह साक्षात् निमित्त की अपेक्षा कथन है क्योंकि इनके साथ कुम्भकार का साक्षात् सम्बन्ध है और कुम्भकार के योग तथा उपयोग से दण्ड तथा चक्रादिक में जो व्यापार होता है तथा उससे जो घटादिक की निष्पत्ति होती है वह परम्परानिमित्त की अपेक्षा कथन है। यहाँ परम्परानिमित्त से होनेवाले निमित्त - नैमित्तिकभाव को गौणकर कथन किया गया है। लोक में जो यह व्यवहार प्रचलित है कि कुम्भकार घट का कर्ता है और कुविन्द पट का कर्ता है, यह परम्परानिमित्त से जायमान निमित्त - नैमित्तिक भाव की अपेक्षा कथन है ' ।। १०० ।।
आगे ज्ञानी जीव ज्ञान का ही कर्ता है, यह कहते हैं
जे पुग्गलदव्वाणं परिणामा होंति णाणआवरणा ।
ण करेदि ताणि आदा जो जाणदि सो हवदि णाणी । । १०१ ।
अर्थ- जो ज्ञानावरणरूप पुद्गलद्रव्यों के परिणाम होते हैं उन परिणामों को आत्मा नहीं करता है, ऐसा जो जानता है वह ज्ञानी होता है।
विशेषार्थ - जैसे गोरस के दधि और दुग्ध परिणाम होते हैं, उन परिणामों दधिखट्टा और दुग्ध मधुर होता है। तटस्थ गोपाल उन परिणामों का कर्ता नहीं है, किन्तु देखने-जाननेवाला है क्योंकि उनके निमत्त से जो ज्ञान होता है वह आत्मा से व्याप्य है अर्थात् आत्मा व्यापक है और दधि दुग्ध का ज्ञान व्याप्य है । ऐसे ही पुद्गलद्रव्य के जो ज्ञानावरणरूप परिणाम हैं उनका करनेवाला आत्मा नहीं है क्योंकि उन परिणामों की पुद्गलद्रव्य के साथ ही व्याप्ति है, ज्ञानावरण कर्म व्याप्य है और पुद्गलद्रव्य व्यापक है। ज्ञानावरणरूप परिणामों के निमित्त से जो ज्ञान उत्पन्न होता है वह आत्मद्रव्य से व्याप्त है अतः उन परिणामों का जाननेवाला आत्मा है। इस
१. इति परम्परया निमित्तरूपेण घटादिविषये जीवस्य कर्तृत्वं स्यात् । यदि पुनः मुख्यवृत्त्या निमित्तकर्तृत्वं भवति तर्हि जीवस्य नित्यत्वात् सर्वदैव कर्मकर्तृत्वप्रसङ्गात् मोक्षाभावः। (तात्पर्यवृत्ति: )
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