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सोनईशाखा धनि कुलकोट्ठइ वेद वियारि। दे मति केरो बेटडो परिणइ दीक्षित कुआरि॥
अर्थात् - समृद्धि से व्यक्ति धनवान और कुलीन बन जाता है। वेद का ज्ञान होने से वह विद्वान् बन जाता है। देखो! यह किसका पुत्र है? किन्तु इसका विवाह कुलीन, दीक्षित ब्राह्मण की पुत्री से हुआ है।
____ मुकुन्द दीक्षित को जब यह जानकारी मिली तो वह भौंचक्का सा हो गया। मौन धारण कर लिया। लोगों की जिज्ञासा का उत्तर या काट करने की दृष्टि से उसने सोचा - समृद्धिमान और विद्यादि युक्त गुणों से होने पर उसका कुल नहीं देखा जाता है, अपितु उसका आचार देखा जाता है। कहा भी है
कैवर्तीगर्भसम्भूतो, व्यासो नाम महामुनिः। तपसा ब्राह्मणो जात-स्तस्माज्जातिरकारणम्॥
अर्थात् - पूर्व में भी कैवट की लड़की से उत्पन्न व्यास नाम के महान् मुनि हुए हैं, किन्तु वे अपने तप के बल से ब्राह्मण कहलाये, अत: जन्मजात जाति का मानना व्यर्थ है।
शुशुकी[ शशकी] गर्भसम्भूतो, ऋष्यशृङ्गो महामुनिः। तपसा ब्राह्मणो जात-स्तस्माजातिरकारणम्॥
अर्थात् - भूतकाल में भी शशकी के गर्भ से उत्पन्न ऋष्यशृङ्ग नाम के महामुनि हुए हैं, किन्तु वे अपने तप के बल से ब्राह्मण कहलाये, अतः जन्मजात जाति का मानना व्यर्थ है।
मण्डूकीगर्भसम्भूतो, माण्डव्यश्च महामुनिः। तपसा ब्राह्मणो जात-स्तस्माज्जातिरकारणम्॥
अर्थात् - पूर्व में भी मेढ़की के गर्भ से उत्पन्न माण्डव्य नाम के महामुनि हुए हैं, किन्तु वे अपने तप के बल से ब्राह्मण कहलाये, अत: जन्मजात जाति का मानना व्यर्थ है। उर्वशीगर्भसम्भूतो वशिष्ठश्च महामुनिः।
ब्राह्मणो जात-स्तस्माजातिरकारणम् ॥
तपसा
शुभशीलशतक
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