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चेतन्यकर्मचरित्र जपरीवारेंकरहोंअरीयनकोंरुध ॥ तमोहचलावेसबदलधावेचेतनप करोंआज॥हि विधिदोकदल मेंकल नहिंपल मेंकरहीअनेकश्लाज।।२।।
॥ चोपाई॥ मोहसरागनावकेबांन ॥ मारेंखोंचजीवकोंतांन ॥ जीव सुवीतराग नीजपाय ॥ मारेधनुषबांनइहन्याय ॥ १ ॥ तबमोहनृपषमगप्रहार॥ मारेपापपूण्य धार ॥ हंससुझवेदेनिजरूप ॥ वहीषमगमारेअरिनूप ।। २ ॥ मोहचकलैारतिध्यान || मारेचेतनकुंपहिचान ॥ जीवसुध्या नधर्मकोओट || आपबंचायकरेपरचोट ॥ ३ ॥ मोहरुबरजगही लेय ॥ चेतनसनमुखघानसुदेय ॥ हंसदयाल नावकाढाल || निज हिबंचायकरेपरकाल ॥ ४ ॥ मोहमविवेकगहेंजबमाढि ॥ घानकरे चैतनपरगाढि ॥ चैतनलेंजबधरिसुविवेक ॥ मारिहरेवैरीन किटेक ।। ॥ ५ ॥ चेतनदाटकचक्रप्रधान ॥ वैरिनेमारिकरेघमसान॥ अप्रत्या ख्यानमुर्बितनए ॥ मोहहारपीले हटगए॥ ६॥ जीत्याचैतननयोआनं द ॥ वाजें शुनवाजें सुखकंद ॥ आयमिले व्रतपूरकेलोग ॥ दंसणप्रति माआदिसंयोग ॥ ७॥ व्रतप्रतिझाउजोनाव ॥ त्रिजोमिल्योसामायक राव ॥ पोसहबतचोथोबलवंत ॥ त्यागसचितव्रतपंचमहंत॥ ॥ षष्ट मब्रह्मचर्यदिनराय || सप्तमनिसीदिनसील कहाय ॥ अष्टमपापारननि वार ॥ नोमों दिसिपरीगाहपरीहार ॥ ए॥ किंचितग्राहीपरमप्रधान ॥ महासुबुधागुनस्तनिधान ॥ दसमोपापरहिततपदेस | एकादसमनबन तजिनेस ॥१०॥ प्रामुकलें आहारसोंजैन ॥ नमविहारीकहीयेंऐन॥ एएकादस नूपअनुप ॥ आटामिले श्रावककेरूप ॥१६॥ चैतनसबसोंक रेजुहार ॥ परमधरमधनधारनहार॥ निजबल हंसकरेआनंद ॥ परमद यालमाहासुखकंद ॥ १२ ॥
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