SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 277
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १५६ अ. प्रा. जैनलेखसन्दोहे ( ३८८) संवत(त् ) १५३१ वर्षे वैशाष(ख)शुदि २ दिने सारंगपुरवास्तव्य माग्वाटवंशशृंगारयात्रासत्रगारसंघवी वेला भार्या अरषू पुत्ररत्न संघनायक सं० जेसिंगः भार्या माणिकि पुत्री सं० जीविणि प्रमुखकुट(९)ब[सहित] श्रीमालवीयसंघपरिवृत श्रीसंघधुरंधु(ध)र श्रीअर्बुदगिरितीर्थे श्रीनेमिनाथदेवं निरंतरं प्रणमति ॥ चिरं नंदतु ॥ श्रीचंद्रमसे सि) वासरे (३८९) संवत् १६ १३ वर्षे वैशाष(ख)शुदि ९ दिने श्री(बृहद्गच्छे भट्टारक श्री ७ पुण्यप्रभसूरि तशिक्ष(ष्य) मुनिविजयदेवः श्रीनेमिनाथं प्रणमति ॥ वक्रेतरचेतसा यात्रा कृता सफला भवतु ॥ नित्यं पुनरपि दर्शनमस्तु मंगलं श्रोः (३९०) संवत(त्) १८८४ वर्षे वैशाष(ख)वद ९ शनू सूत्र गोपालि नामू की— नेमयि(जि)ण प्रणम्यं (३९१) सं[ 0] १६५५ वरष फागुणवि(व०)५ वु(चु)हारा हांसा मना उत्र सीरा(रो)ही वास जात्रा सफल सुत्र नेता राउत पामसी डाहा साथीवा हंसा सीरा हाराय प्रमुष(ख)रा कमठाइ । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003986
Book TitleArbud Prachin Jain Lekh Sandohe Abu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherVijaydharmsuri Jain Granthamala Ujjain
Publication Year1994
Total Pages762
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy