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विमलवसतिलेखाः ।
( १७३) (१) सा० लाहड भार्या लक्ष्मी श्रे० सा० जाजलेन का
(श नं ३ भूति पस्नो वे५) (२) ...........श्रीशांतिनाथः
............श्रीहेमविमलसूरि (रीन०६,,,) (३) सा० समरसी(सिंह पुत्रा ललतूश्री श्रे० का
(हेरी न० ७ , , , (४) सा० वामदेव कउंरा (हेरी न०८,, (५) ठ• आल्हा पु०मताकेन श्रीशा (हेरी न०११ ,, (६) सा० भडसी(सिंह (,, ,, ११
, " " (७) मो० ठ० हरपाल (,, ,, ११ (८ ) सो० धीणा पु० झांझण (,,
" , (९) सा लष(ख)मा पुत्र साजयता ( ,, ,, १३ (१०) मेहाधर पु०सांगण सा० सांगण ॥( ,, ,, १५,,,,,,) (११) सा० कुअर पुत्र पोन मातृ
. / ता° अमर पुत्र पद्मन मातृ
कपूरदेवि(वी) श्रे० का० (,, ,, १५,,,,,) (१२) सा० सावड पुत्र सा० देवसी
(सिंह श्रेयो[s]र्थे बिंबं कारापितं ,, ,, १५, ,, ,,) (१३) ............कारितम् ] श्रीसुम-
तिनाथबिंबम्]ि ( aey,,,)
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