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प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः द्वितीयो विभागः
(६९४) चांदमल-हुलासकुंवर-स्मारक ॐ श्री वीतरागाय नमः। विक्रम संवत् १९१७ मिति मिगसर वदि १४ को सेठ चांदमलजी साहब लूणिया का स्वर्गवास हुआ तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती हुल्लासकुंवर का स्वर्गवास संवत् १९३६ मिति आसोज वदि १३ को हुआ। उनकी दाहभूमि पर यह स्मारक भवन संवत् १९७६ मिती वैशाख सुदि १३ सोमवार मिथुन लग्न में उनके सुपुत्र रायबहादुर राजाबहादुर श्रीयुत् सेठ थानमलजी लूणिया वर्तमान निवासी दक्षिण हैदराबाद रेजीडेन्सी बाजार वालों के करकमलों द्वारा शहर अजमेर स्थान दादाबाड़ी में प्र। १९७६ शुभम्।
(६९५) जिनयश:सूरि-मूर्तिः परमसंवेगी महातपस्वी प्रशान्त श्रीमज्जिनयश:सूरिजी प्रसिद्धनाम पन्यास श्रीयशोमुनिजी गणि महाराजस्य मूर्तिरियं ज्ञानभांडागारसहिता स्थापिता श्रीसंघेन प्रतिष्ठितं च शिष्य पंन्यास केशरमुनि गणिना सं० १९७५ माघ शु० ५।
__ (६९६) सिद्धसेनदिवाकर-मूर्तिः ॥ १९७६ विक्रम संवत्सरे राधमासे पादपरिचर्यासक्तसुशिष्याभ्यां सामात्यविक्रमादित्यराजनवसंसेविता श्रीमन्मुनिमहाराज हंसविजयानां सदुपदेशात् घमंडसी जुहारमलनाम्ना प्रसिद्धापणनायकेन सेहेसकरणजित्सावणसुखागोत्रीयेण विक्रमराजसमक्षं स्तोत्रप्रभावात् शिवलिंगं विदार्य श्रीअवंतीपार्श्वनाथप्रतिमाप्रकटकारकाणां श्रीमत् सिद्धसेनदिवाकराचार्याणां मूर्तिरियं कारिता लिखितोयं लेख संपद्विजयगणिना। ..
(६९७) जिनमहेन्द्रसूरियादुका ॥ श्रीनृपतिविक्रमार्कप्रवर्तित १९७८ मितेब्दवर्तमाने तत्र मार्गशीर्ष मासे कृष्णपक्षे शुभतिथौ त्रयोदश्यां रविवासरे। जं। यु। प्र। बृ। ख। भ। श्रीजिनमहेन्द्रसूरीश्वराणां चरणस्थापना श्रीजिनचन्द्रसूरीणामुपदेशेन जयपुरीय श्रीसंघेन कृता। ६९४. अजमेर दादाबाड़ी ६९५. जोधपुर जिनयशसूरि ज्ञान भंडार ६९६. उज्जैन अवंति पार्श्वनाथ मन्दिर ६९७. जयपुर मोहनबाड़ी
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