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सार्थकता की परम यात्रा आरम्भ हुई
मनः पर्यय ज्ञान ने
अभिषेक किया इस आलोक-यात्रा का महावीर का हो गया वह
जाग उठे
उसके भाग
गूंज उठी दिशायें - धन्य हैं महावीर
प्रकाश पर्व : महावीर / 62
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धन्य है महावीर का त्याग ।
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