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सभी के हृदय उमड़ कर आ रहे हैं
सभी
अवरुद्ध कंठ से महावीर के जय-गीत गा रहे हैं महावीर ने वस्त्र-आभूषण त्यागे अपने हाथों से अपना केश-लोंच किया
संकल्प लिया सभी पाप त्यागने का तीन करण-तीन योग से
प्रकाश-पर्व : महावीर /61
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