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काम-द्रोथ-मान-माया-लोभ व संसार का त्यागी ज्ञानी पुरुषों के अप्त वचनों में अनुनागी भिक्षु कहलाता है मुठित पाता है।
शमीर नाव है जीव नाविक है और समुह है संसान इसे महर्षिजन करते हैं पार "
प्रकाश-पर्व : महावीर /122
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