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गुजरात देशके सूरत शहरका दिग्दर्शन। [ ४९ ६३ विनयकीर्ति ७८ रामसेन ९० विमलसेन ६४ श्रीजिनसेन ७९ जयकीर्ति या ९१ विशालकीर्ति ... (कवीश्वर)
दयाकीर्ति ९२ निश्वसेन ६५ सूर्यकीर्ति
८० राजकीर्ति ९३ विद्याभूषण ६६ विश्वसेन ८१ कुमारसेन
(सं० १६० ४*) ६७ श्रीकीर्ति
८२ पद्मकीर्ति ९४ श्रीभूषण या ६८ चारुसेन ८३ पद्मसेन
रत्नभूषण ६९ शुभकीर्ति ८४ भुवनकीर्ति ९५ चंद्रकीर्ति या ७० भवकीर्ति
(५ विख्यातकीर्ति जयकीर्ति ७१ भवसेन ७२ लोककीर्ति ८६ भावसेन ९६ राजकीर्ति
९७ लक्ष्मीसेन ७४ विजयकीर्ति (स० १४०२) ९८ इन्द्रभूषण या ७५ कौवसेन ८८ लक्ष्मीसेन चंद्रभूषण ७६ सुरसेन ९ धर्मसेन (सं० १७०८) ७७ कुमारसेन (सं० १५४७) ९९ सुरेन्द्रकीर्ति
इस संस्कृत गुर्वाक्लीमें सुरेन्द्रकीर्ति तक नाम है उसका संवत् गोपीपुरा मंदिरके पंचमेरुके लेखके व इस गुटकेके अनुसार वि० सं० १७४३ और १७४७ है । प्रतिमाके शिलालेखमें विशालकीर्तिसे सुरेन्द्रकीर्ति तक जो नाम दिये हैं वे बराबर मिलते हैं।
इस गुटकेके अंतमें अलग जो नाम गिनाए हैं उनमें कई नाम विशेषणके शामिल किये गए हैं तथा सुरेन्द्रकीर्तिके आगेके चार . * बडौदा मंदिरके प्रतिबिम्बके लेखसे देखो, अध्याय ३ में।
७३ त्रैलोक्यकीर्ति
(७ रत्नकीर्ति
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