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________________ ७०० ] अध्याय बारहवां। आ देवल बौद्धोनुं मोटामां मोटुं देवल (मंदिर) छे, जेमां आशरे १५ फुट ऊंची आरसपहाणनी प्रतिमाओ छे. आ चौदसना दिवस होवाथी त्यां घणा कुंगी (साधु)ओने स्वाध्याय करता जोया. आ लोको धर्म उपर घणाज श्रद्धाळु तेमज मायाळु होय छे. तेओना आचरण तेमज देवल अंदरनी रचना जोई अमोने अत्यंत आनन्द थयो. जेम बावन जंजाळी देवल होय छे, तेमज आ देवळ पण हतुं. तेमां एक देवलनुं खर्च रु० १२००००) थएडं छे. आ देवल जोया पछी अमो भेमोरीयल गार्डन तथा केन्टोमेन्ट गार्डनो (बगीचाओ ) जोवा गया. आ गार्ड नो (बगीचाओ ) सारा छे. ए पछी कोलेज, होस्पीटल अने अने सुलेफयो पेगोडा ( बौद्ध धर्मनुं देवल ) जोतां केमीन डाइनमां गया के ज्यां धातुनी प्रतिमाओ सारी बने छे आ शहेरमां इलेक्ट्रीक (वीजलीक) ट्राम, टेलीफोन (तार) तथा बीजी दरेक व्यवस्था मुंबईना जेवीज छे. अत्रे हिंदुस्ताननी वस्ती पोणो भाग अने वाकीनी ब्रह्मी लोकोनी वस्ती छे. आ शेहेरनी वस्ती आशरे बे लाखनी छे. अत्रे आशरे ५० जैनी व्यापारार्थं रहेला छे अने आपणु मंदिर पण छे. अहीं मुख्य पेदाश चोखानी छे अने हीरानो व्यापार सारो छे. अत्रेथी ता. ५-१-१२ने दीने उपडी ट्रेनमां बेसी ता. ६ ठी ए मांडले गया अने शा. जमनादास उदेचंदने मुकामे उतर्या अने तेज दिने अमो राजा थीबोनो मेहेल जोवा गया, आ मेहेल बहुज पुरातन छे अने एनी बांधणी लाकडानी छे. मेहेलनी आसपास एकेक माइल फरतो कोट छे, जे जोई अमो मांडला हील जोवाने गया. आ हील ( टेकरी ) उपर जवाने पगथी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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