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________________ महती जातिसेवा तृतीय भाग [६७३ पहले सेठजीकी मुलाकातसे उन्होंने २००००) बोर्डिंगका मकान बनाने व एक बंगला खर्च चलानेको अर्पण कर दिया था । सेठ माणिकचन्दनीके पत्रव्यवहारकी प्रेरणासे पंजाब दिगम्बर जैन बोर्डिंगका वार्षिकोत्सव ता० २६ फरी पंजाब दिगम्बर जैन ११को हुआ । सेठजीने ब्रह्मचारी शीतलबोर्डिंगका बार्षिको प्रसादजीको भेज दिया था, आप अति दूरीके त्सव । कारण नहीं जा सके । यह बोर्डिंग ६४) ____ मासिकके किराये पर एक मकानमें स्थापित था। इसीके - हातेमें दिनको ११ बजेसे लाला रामानंद रईस फीरोज़पुर शहरके सभापतित्वमें वार्षिकोत्सव हुआ । रामलालजी मंत्रीने रिपोर्ट पढ़ी, पीछे लाला कूड़ामल छात्रको एक चांदीका तमगा इनाम दिया गया कि उसने १२२) बोर्डिंगके लिये एकत्र किये व महावीरसिंहको धर्मशास्त्र दिये गये क्योंकि उसने ९९) जमा किये थे। ब्र० शीतलप्रसादजीने बोर्डिंगसे धर्मकी स्थिरता व चारित्रकी शुद्धता होती है ऐसा कहकर दानकी प्रेरणा की तव उसी समय २०००) से अधिक चंदा हो गया। मंत्री रामलालनीने बोर्डिंग मकानके एक कमरेके लिये ५००) देनेका प्रण किया । दो दिन तक धार्मिक व्याख्यानोंका अच्छा आनन्द रहा । आम सभा में अन्यमतियोंने भी लाभ लिया। सेठजी जल्सेकी सफलता जानकर हर्षित हुए। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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