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________________ ४४२ ] अध्याय दशवां । नकल मानपत्र (बम्बई बोर्डिंग) मेहेरबान सेठजी साहेब, शेठ माणेकचंद हीराचंद झवेरी जे. पी. मानवंता अने सुज्ञ शेठजी साहेब, विशेष अमो शेठ हिराचंद गुमानजी जैन बोर्डीन्ग स्कुलना विद्यार्थीओ आपणी नामदार मायाळु ब्रिटिश सरकार तरफथी आपने जे. पी. नो मानवंतो खेताब एनायत करवामां आव्यो छे तेनी खुशालीना आवेशमां आप साहेबने आ मानपत्र आपवानी रजा लइए छीए. मनुष्यने धन प्राप्ति थवी ए तो सुलभ छे परंतु ते धननो सदुपयोग करवानी बुद्धि तो कोई विरलाओमान पूर्वजन्मना सुकर्मना योगे विकाश पामे छे. आप व्यापारी वर्गना होवा छतां विद्या तथा धर्म तरफ आपनी अभिरूची प्रशंसनीय छे. सरकारी पाठशालाओमां अभ्यास करता जैन विद्यार्थीओने पडती धर्मशिक्षणनी खोट, तेनन परदेशथी अत्रे आवता विद्यार्थीओनी अगवडता दूरे करवाने आपना स्वर्गस्थ पिताश्रीनी यादगीरीमां शेठ हीराचंद गुमानजी जैन बोर्डीन्ग स्कुल स्थापी तेमन, आपसाहेबर्नु तथा आपना कुटुंबचें नाम अमर कर्यु छे. आ सिवाय विद्यानी तथा धर्मनी अभिवृद्धिने माटे मुंबई, अमदावाद, कोल्हापुर वीगेरे स्थळोए करेली सखावतो जग जाहेर छे. .. आपने जैन तरीके मळेलं मान आखी जैन कोमने मळया Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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