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________________ . २५) शा० परभूदास हेमचंद सूरत १५) ,, त्रिभोवनदास ब्रीजलाल , ___५) , छगनलाल उत्तमचंद सरैया , , परभुदास पानाचंद सरैया ,, मंछाराम जगजीवनदास ८२।।।-) फुटकर १३९१-५-० इसके बाद सेठजीकी विधवा नवीबाईसे पत्र व्यवहार करने पर आपके द्वारा रु० ५००)की रकम इस फंडमें मिली थी जिससे यह फंड १८९१।-का हो गया। तदनंतर जीवनचरित्रके लिये सामिग्री एकत्रित करनेका काम हमने लिया और सेठजीसे गाढ़ परिचयवाले और जैनसमाजकी उन्नतिके लिये रात्रि दिन लवलीन श्रीमान् जैनधर्मभूषण ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजीने यह चरित्र लिख देनेका काम सहर्ष स्वीकार कर लिया। बादमें इसकी आवश्यक सामग्री एकत्र करनेके लिये 'दिगम्बरजैन,' 'जैनमित्र' आदि पत्रोंमें विज्ञापन छपाया गया और हमने इतस्ततः बहुत पत्र व्यवहार किया; किन्तु खेद है कि हमको आने दो आने समाचार ही सेठजीके बारेमें प्रगट हुए जिसमें आमोदके सेठ हरजीवन रामचंद शाहने सेठजीके कई कार्योंके उल्लेखरूप एक बड़ा लेख भेजा था जिसके लिये हम आपके आभारी हैं। इस प्रकार जब पूर्ण सामग्री न मिल सकी तब हमने जातीय साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक सभी पत्रोंकी फाइलें एकत्रित की जिसमें 'जैनगजट'की पुरानी फाइलें Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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