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________________ २७२ ] अध्याय आठवा । वेला लीलीडेल नामना शहेरमा हजारो लोको समक्ष जैन धर्म उपर भाषणो आपवा माटे त्यांना लो कोए मने बोलाव्यो छे. ते वखते हूं त्यां जईश. हिंदुस्तानना लोको विषे ख्रीस्ती धर्मना मिशनरीओ आ देशमां एटला बचा खोटा विचारो दर्शा छे के ते विचार दूर करवानी हिंदुस्तानमां जन्मेठा दरेक ग्रहस्थनी करन छे. दाखला तरीके आ मेलावडामां हाजर रहे ला लंडाना एक मीशरो डाक्टर पेटेकोस्टे हिंदुस्तानना तमाम लो कोनी वर्तणुक उअर मोटो हुमलो को हतो. जैन धर्म संबंधी ते कशु बोल्यो नहतो. पण सामान्य रीते हिंदुस्तानना लोको विरूद्ध तंगे भाषण आप्यु हतुं. बीजे दिवसे जैन धर्म संबंधी भाषण आपवानी मारी वारी हती, तेथी जैन धर्मसंबंधी भाषण आयवा पहेलां में टुंकामां ए मीशनरीने सारी रीते जबाव आप्यो हतो. आ मेलाबडानी मुख्य असर ए थई छे के, अहिंना लोको ख्रीस्ती धर्म उपर श्रद्धा ओछी राख वा लाग्या छे अहिंना खोस्ती देवलमा जनारा लोको केटला छ तेनो तपास करतां मालम पडे छे के चिकागोनी वस्तीमांयी दर बसे माणसे फक्त एकन माणः रविवारे देवलनां जाय छे. बाकीना माणसो बीलकुल देवलां जता नथी. परन्तु में खोस्ती देवलमां भाषणो आप्पां हतां त्यारे जे लोको कोईपग दिवसे त्यां आव्या न हता ते मारा भाषणो सांभळवा आव्या हता. जैन धर्मनी खूबीथी मीसीस चार्ल्स हारवडे नामनी एक बानु एटली बधी खुशी थई छे के तेणीए मांसाहारनो त्याग कर्यो छे. तेणीए तथा तेणीना पतिए चोथु व्रत आदर्यु छे, अने हुँ हिंदुस्तान पहोंचीश त्यार पछी हूं पसन्द करूं तेवा एक जैन छोकराने पुरेपुरी केळवणी आपवाने Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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