________________
७२ ]
अध्याय तसिरा |
गंगाराम, रामचंद्रजी आदिने शोलापुर में एक दिगम्बर जैन बोर्डिंग स्थापित किया है । सर्व हूमड़ों की ओर से शोलापुर में चतुर्विध दानशाला अनुमान ४००००) के व्याजसे व ५००००) के व्याजसे ऐलक पन्नालाल दि० जैन पाठशाला है । श्राविकाशाला भी है जिसकी सम्हाल श्रीमती कंकुबाई सुपुत्री सेठ हीराचंद नेमचंद करती है आपको धार्मिक ग्रंथोंका अच्छा मर्म है ।
शोलापुर के सेठोंने सन् १८९५ तक कहाँ २ प्रतिष्ठा कराई उसका वर्णन ।
सिद्धक्षेत्र
१ सम्मेद शिखर
२ चंपापुरी
३ पावापुरी
४ गिरनार
५ पालीताना
६ मांगीतुंगी
७ गजपंथ
८ तारंगा
९ कुंथलगिरि
१० सिद्धवरकूट
११ पावागढ़
Jain Education International
साल प्रतिष्ठा करानेवालोंके नाम
१९३८ पदमसी निहालचंद तथा नानचंद खेमचंद १९३३ मोतीचंद प्रेमचंद तथा जोतीचंद नेमचंद | १९५० रामचंद सांकला ।
१९२६ खेमचंद उगरचंद, पदमसी निहालचंद तथा नेमचंद निहालचंद |
१९५१ हरीभाई देवकरण तथा मोतीचंद परमचंद । १९१६ पानाचंद जोतीचंद तथा हरीभाई देवकरण ।
१९४४ वस्ता खुशाल ।
१९२३ हरिचंद, मोतीचंद, अभेचंद, जोतीचंद परमचंद |
१९४७ हरिभाई देवकरण, पदमसी निहालचंद १९५१ मलुकचंद गणेश ।
१९४३ गौतमचंद नेमचंद |
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org