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________________ ( १६ ) जनसेवकके रूप में अलीगंज में रहकर बाबूजी समाज सेवा के कार्यों में अपनेको निरन्तर लगाये रहे । समय समय पर जनहितके कार्य करते रहे उनमें यथाशक्ति अपना सहयोग दिया | सन् १९३१ से १९४९ तक ऑनररी मजिस्ट्रेट तथा सन् १९४३ से १९४८ तक असि टेन्ट कलेक्टर रहे | ऐसे पदों पर रहते हुये भी ईमानदारी और सेवा भावना के बराबर दर्शन होते रहे हैं। तत्कालीन जिलेके उच्च पदाधिकारी तथा सर्वधाधारण जनता आपकी मुक्तकण्ठसे प्रशंसा करती रहती थी । - सन् १९४३ के जिलाधीश श्री लोबो प्रभो I. C. S. सन् १९४४ के एल० डो० एम० श्री इकरामुद्दीन तथा सन् १९४५ के जिलाधीश श्री के० बो० फेवादअली बाबूजी की कार्यतत्परता, तथा चरित्र से बड़े प्रभावित हुये। श्री इकरामउद्दीनने तो यहां तक कहा था " मैं श्री जैनको उनको जन सेवाओं और प्रत्येक भले कार्यों में रुचि रखने के ढिये धन्यवाद देता हूं। कहनेका तात्पर्य तो यह है कि इस क्षेत्रके प्रत्येक राजकीय कार्यमें आप आगे रहे। मद्य निषेध तहसील कमेटी, महात्मा गांधी निधि-तहसील कमेटी आदिक मन्त्री रहे। पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत विकास योजना क्षेत्रकी शिलान्यास क्रिया समारोह के प्रमुख कार्यकर्ता रहे तथा स्वागत भाषण दिया। इस क्षेत्रमें होनेवाले कवि सम्मेलनों, सभाओं, सोसायटियों, अधिवेशनों, तथा गोष्ठियोंके अध्यक्ष बनते रहे। विभिन्न राष्ट्रीय पर्वों तथा अन्य धार्मिक उत्सबों पर संभ्रान्त नागरिक के रूपमें अभिनन्दन होता रहा। कितने ही वर्षों तक श्री बैरिस्टर चम्पतरायजी ट्रस्टकी कार्यकारिणीकी समिति के Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003978
Book TitleKamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivnarayan Saxena
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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