________________ स्व० डॉ० कामताप्रसादजी कृत प्राप्य ग्रन्थ वीर पाठावली (20 कथायें) संक्षिप्त जैन इतिहास-६ भाग / भगवान महावीर भ० महावीर और बुद्ध-भाग 1- 23) नव-रत्न 2) पंचरत्न / ) महारानी चेलनी कुन्दकुन्दाचार्य चरित्र और भी सब जा के प्रकार के 1000 दि० जैन प्रन्थ मिलते है। एक काई / लिखनेपर सूचीपन्न मुफ्त्र भेजा जाता है। URAT. 112516 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibray ong