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( ११०) डॉ. रवीन्द्रनाथ टैगोर और डॉ. बी. मी. लाके जो विचार भगवानके सम्बन्धमें रहे उनका उल्लेख भी किया गया है। लगभग ५० सुभाषित इसमें संकलित है। बाबूजीने कहा है
I hope that the readerr will appreciate my humble attemptand benefit by the healing and soothing words of the great teaeher.
मैं आशा करता हूं कि पाठकगण मेरे नम्र प्रयामोंका मूल्याकंन करेंगे और महान उपदेशकके सान्तवना प्रदायक शब्दोंसे लाभान्वित होंगे।
Lord-Mahavira and Some other
teaehers of his time. ३८ पृष्ठोय इस अंग्रेजोकी पुस्तकका प्रकाशन सन् १९२७ में बाबूजीकी धर्मपत्नीको स्मृतिमें हुआ। इसमें भगवान महावीरके जीवन और उनके उपदेशोंका तो वर्णन है ही, साथ ही साथ समकालीन अन्य ६ शिक्षक निम्न लिखित हैं
(1) Gotam Bnddha .(2) Purana kassapa (3) Makkhli-Gosala (4) Ajita Kesa Kambali (5) Pakuda Katyayana (6) Sanjava Vairathiputra
जैनधर्म और बौद्ध धर्मके प्रमुख सिद्धांतोंमें कहांतक समानता और कहांतक अन्तर है ? उसे भी स्पष्ट किया गया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालयके प्रोफेसर डॉ० बेनीप्रसाद एम. ए. पी. एच.डी. ने प्रस्तावनामें लिखा है
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