________________
सम्यग्दर्शन - ज्ञान - चारित्र
शुद्ध आराधक स्व. आचार्य श्री रत्नचन्द्रजी म.सा.
को उनके द्वारा किए गए __ क्रियोद्धार की द्विशताब्दी के अवसर
पर सादर समर्पित
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org