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________________ १८७ १९१ १९५ २०७ २११ ३८. समकितःस्वरूप, महत्त्व और शर्ते ३९ कुन्दकुन्दाचार्य-प्रतिपादित सम्यग्दर्शन ४० .श्रीमद् राजचन्द्र की दृष्टि में सम्यग्दर्शन ४१.भेदविज्ञान और सम्यग्दर्शन ४२.जैनाचार्यों की गणितीय सम्यक्दृष्टि ४३ ज्ञान पहले या दर्शन ४४सम्यग्दर्शन और दर्शनसप्तक ४५ मिथ्यात्व के प्रकार और उनके भेद ४६.सम्यक्त्व और उसके आगार ४७.सम्यक्त्व से ही आत्मकल्याण ४८.सम्यग्दर्शन का रक्षण : डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी : डॉ.(श्रीमती) सुषमा सिंघवी : डॉ. उदयलाल जारोली : डॉ. रमेशचन्द जैन : प्रो. एल.सी.जैन : साध्वी विश्रुतविभा : श्री धर्मचन्द जैन : डॉ. मंजुला बम्ब : श्री भण्डारी सरदारचन्द जैन : श्रीमती शांता मोदी : श्री रतनलाल डोसी २१५ २१७ २२१ २४१ २४३ २४६ ३१५ द्वितीय-खण्ड सम्यग्दर्शन : जीवन व्यवहार १. दृष्टि बदलिए : उपाध्याय श्री अमरमुनि जी म.सा. २५३ २.जीवनदृष्टि की मलिनताएं : उपाध्याय श्री पुष्करमुनि जी म.सा. २५९ ३.दृष्टि-परिवर्तन : गणाधिपति श्री तुलसीजी २६६ ४जीवनदृष्टि के परिवर्तन में सम्यक्त्व की भूमिकाः श्री दुलीचन्द जैन २६८ ५.सम्यग्दर्शन और कषायविजय : श्री सम्पतराज डोसी २७३ ६. बढ़ते भोगसाधन और सम्यग्दृष्टि : डॉ. धनराज चौधरी २८५ ७.सम्यग्दर्शन और जीवन-व्यवहार : श्री रणजीतसिंह कूमट २८८ ८.सम्यग्दर्शन और जीवन-साधना : श्रीमती रतन चोरडिया २९४ ९.सम्यग्दृष्टि का संसार : डॉ. राजीव प्रचण्डिया २९७ १० अर्थव्यवस्था में सम्यग्दर्शनः : डॉ. मानचन्द्र जैन ‘खण्डेला' ३०१ __मूलाधार हो सर्वकल्याण ११.सम्यग्दर्शनः मानवमूल्यों के सन्दर्भ में : डॉ. विजय कुमार, श्रीमती सुधा जैन ३०५ १२.सम्यग्दर्शन और समाज-व्यवस्था : डॉ. रज्जन कुमार ३०८ १३. स्वास्थ्य और सम्यग्दर्शन : श्री चंचलमल चोरड़िया १४. शिक्षा और सम्यग्दर्शन श्री पुखराज मोहनोत १५. सम्यक्त्व-सूक्तियां श्री महावीर जैन ३२५ १६.पर्यावरण-संरक्षण में सम्यक्त्व की भूमिका : श्री सूरजमल जैन १७.बाह्य दर्शन : अन्तर्दर्शन ३३३ १८.समत्तदंसी ण करेति पावं समणी प्रतिभाप्रज्ञा ३३५ १९.सम्यक्त्वी पाप क्यों नहीं करता? : श्री सोभागमल जैन ३३८ २० सम्यक्त्व-प्राप्ति के स्वर्णिम प्रसंग : श्रीमती हुकुमकंवरी कर्णावट २१.अन्धविश्वासों के घेरे में .: श्री रिखबराज कर्णावट ३४७ २२.सम्यग्दर्शन और आधुनिक सन्दर्भ : डॉ. शशिकान्त जैन ३५१ २३.वात्सल्य और अनुकम्पा : श्रीमती सुशीला बोहरा ३५३ २४.सम्यक्त्वी का सौन्दर्य : श्रीमती अकलकंवर मोदी ३५८ २५.सम्यग्दर्शन और नैतिकता : न्यायाधिपति श्री श्रीकृष्णमल लोढा ३६१ तृतीय खण्ड सम्यग्दर्शन : विविध १. यहूदी, ईसाई और इस्लाम परम्परा में श्रद्धा का स्थान : डॉ. एम.एम. कोठारी ३६५ २. इस्लाम, ईसाई और पारसी धर्मों में आस्था : डॉ. हेमन्त कुमार शर्मा ३७१ ३२१ WWW ३२६ गर प्रचण्डिया im m ३४४ m m m Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003977
Book TitleJinvani Special issue on Samyagdarshan August 1996
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year1996
Total Pages460
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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