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भूलता है । इस भांति-हे पूज्यवर आपके द्वारा निर्मित आगम टीका मार्ग सर्वजनहिताय, आत्मोत्थान संयमी जीवन के जीवों को आलम्बन रहेगा । आप श्री का अथाग परिश्रम प्रकाश से भव भ्रमण गतियों से भव्य प्राणी पृथक बने, एव सर्वोत्तमविवेक, बुद्धिप्राक्रम प्रकट करने का सरल साधन वीतराग वाणी का विशाल विस्तार करके सिद्धान्तप्रेमियों को सन्तुष्ट किये हैं।
धन्य है आपकी क्षमता को-शास्त्र लेखन कार्य में भी द्वेषीजनों ने अनेकबार अगणित विध्नघटनाए उपस्थित की, इन सर्वको समभाव से सहते हुए आप अपने ध्यय से विचलित न होकर लोंकाशाह से प्रामाणिक आगकों की शुद्ध श्रद्धा रूप संस्कृत में सुन्दर टीका चूर्णि की रचना पूर्ण करी । विशेष अज्ञान अन्धकार भरे वांचन से वाचकों को श्रेष्ठ मार्ग बताने का आशय से आचार्य श्री ने विविध साहित्य प्राकृति एवं संस्कृत भाषा में कल्पसूत्र तत्त्वार्थसूत्र न्याय सिद्धान्त व्याकर्ण कोष काव्य गद्य पद्य मय ग्रन्थ के उपरान्त अनुपम अनेक स्तोत्रों जैसे वर्धमान भक्तामर, कल्याण मन्दिर नवस्मरण तीर्थंकर चरित्र के सिवाय त्यागी वैरागी संत संयमीओं के थोकरूप अष्टक गुणानुवाद की रचनाकर आपने जयमाला का धवल यश प्राप्त किया था यशस्वीआचार्य श्री मुझे भी सेवा में रखकर गुरूगम्य और तत्त्वज्ञान का सींचन कर दृढ वर्तिका स्थभ बनाया, एक वर्ष तक आपकी सेवा का लाभ लेकर पुनः अहमदाबाद सरसपुर उपाश्रय में आचार्य श्री के मुखाविन्द से मांगलिक श्रवण कर क्रमसर विचरते हुए राजस्थान मध्य रायपुर (मेवाड) में ठहराह हुवा था । प्रात काल प्रार्थना के पश्चात कम्पोडर श्री चांदमलजी सा. रेडिया के समाचार सुना कि अहदाबाद विराजित पूज्य आचार्य श्री १००८ श्री घासीलालजी महाराज का स्वर्गवास हो गया । स्वर्गवास होने का सुनकर मुनिश्री अत्यन्त दुखानुभव से शोक सभा में पूज्य श्री का जीवन वृन्तात के अन्तिम भावाञ्जली दी गई । एसे ज्ञान गुण आचार वान आचार्य दयालु देव की समाज ओर चतुर्विधसंघ में तेजस्वी संत रत्न की क्षति की पूर्ति होना दुर्लभ है । तथा आश्रयरत शिष्य एवं भक्तगण निराधार हो गये हैं। हे पूज्यवर ? आप की निर्मित कृतियों के सहारे आनन्द मंगल और कल्याण करने की भावना रखेंगे।
पूज्य श्री का चरण रज शुभेच्छुक । मुनि हस्तीमल (मेवाडी)
श्री जैन श्वेताम्बर श्री संघ बासवाडा (राज.) श्रीमान पूज्य गुरुवर श्री १०८ श्री कन्हैयालालजी महाराज की सेवामें शोक सन्देश--
श्रीमान पूज्यपाद गुरुवर महाराज सा० श्री पूज्य श्री घासीलालजी महाराज के स्वर्गवास के समाचारसुनकर बांसवाडा समाज के जैन बन्धुओं को अत्यन्त ही वेदना का अनुभव हो रहा है । महाराज श्री का जैनधर्म के प्रसार एवं प्रचार में जो सहयोग रहा है वह चिरस्मरणीय रहेगा । हम सभी ऐसा समझते हैं कि हमारे बीच से एक बहुत बडा विद्वान एवं प्रवक्ता उठ गया है । जिसकी क्षतिपूर्ति इस समाज में होना असम्भव है। ___आपकी विद्वत्ता एवं ओजस्वी प्रवचन सभी श्रावकों को गद्गद् कर देता था एवं प्रेरणामय होता था । इस वेदनामय स्थिति में हम सभी जैन बन्धु ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि स्वर्गस्थ आत्मा को परम शान्ति प्रदान करे एवं इस क्षति से जो समाज में वेदना छायी हुई है, इस वेदना को सहन करने की शक्ति उन्हें प्रदान करें।
सेक्रेटरी श्री जैन श्वेताम्बर संघ ओसवालवाडा बासवाडा । (राजस्थान)
राजस्थान स्था० जैन संघ शाहीबाग अहमदाबाद १४।२।७३ आज रविवार ता० १४।११७३ को श्री राजस्थान स्थानकवासी जैन संघ की श्रद्धाञ्जलि सभा संघ
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