________________
कृति
जैन आचार मीमांसा में जीवन प्रबन्धन के तत्त्व (जैन विश्वभारती वि.वि. लाडनूं द्वारा स्वीकृत शोध प्रबन्ध : सन् 2012)
लेखक
प.पू. आ.भ. श्रीमज्जिनकैलाशसागरसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती प.पू. मधुरभाषी मुनि श्री पीयूषसागरजी म.सा. के प्रशिष्यरत्न प.पू. अध्यात्मयोगी श्री महेन्द्रसागरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनि मनीष सागर (B.E., M.B.A., Ph.D.)
प्रधान सम्पादक
आगम मर्मज्ञ प्रो. (डॉ.) सागरमल जैन (एम.ए., पीएच.डी.) संस्थापक निदेशक, प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर (म.प्र.)
सह सम्पादक
श्री रामकृष्ण काबरा (एम.ई., एम.बी.ए.) मुख्य अभियन्ता, म.प्र. विद्युत् मण्डल (सेवानिवृत्त), इन्दौर (म.प्र.)
प्रकाशक
1 प्राच्य विद्यापीठ
दुपाड़ा रोड, शाजापुर (म.प्र.) 465001 मो. 94248-76545, फोन : 07364-222218 email : sagarmal.jain@gmail.com
2 जैन विज्ञान एवं प्रबन्धन संस्थान 112, विक्रम टॉवर, सपना संगीता रोड, इन्दौर, (म.प्र.) 452001 मो. 89894-08204, 93025-04646 email: varunkabra2008@gmail.com
प्रथम सस्करण
सन् 2013
सहयोग राशि (पुनः प्रकाशनार्थ) प्रतियाँ
3000
फोटो सेटिंग
सच्चियायस ग्राफिक स्टुडियो, सूरत (गुज.)
मुद्रक
छाजेड़ प्रिंटरी प्रायवेट लिमिटेड 108, स्टेशन रोड़, रतलाम (म.प्र.) 13/978-81-910801-1-7
ISBN
© कॉपीराईट
सभी अधिकार पुस्तक के लेखक व प्रकाशक के अधीन हैं, इसलिए कोई भी मेटर या चित्र लेखक या प्रकाशक की अनुमति के बिना न छापें।
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org