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________________ LO EAMKAMLCHEAUTICORATONER 3.60 334 SEER आरोग्यदायक है। भारत सरकार की स्वास्थ्य बुलेटिन नं. 23 के अनुसार - तुलनात्मक चार्ट (प्रति 100 ग्राम)121 _नाम प्रोटीन (ग्राम) कार्बोहाइड्रेट (ग्राम) खनिज लवण (ग्राम) कैलोरी शाकाहारी खाद्य पदार्थ मूंग 24.00 56. 60 3 60 सोयाबीन 43.20 20.90 4.60 432 मूंगफली 31.50 19.30 2.30 549 स्प्रेटा दूध पाउडर 38.30 51.00 6.80 357 र मांसाहारी खाद्य पदार्थ अण्डा 13.30 173 मछली 22.60 ० 0.80 91 बकरे का मांस 18.50 1.30 194 गाय का मांस 22.60 114 AN S HRA 1.00 BPORNHeal 30 1.00 जैनाचार्यों के द्वारा निषिद्ध मांसाहार अनेक प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक रोगों का जनक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) के बुलेटिन नं. 637 में 160 असाध्य संक्रामक रोगों की सूची प्रकाशित हुई है, जिनका प्रमुख कारण मांसाहार है। इनमें से प्रमुख रोग हैं12 - ★ हृदय रोग एवं उच्च रक्तचाप ★ रक्त धमनियों का मोटापन ★ मिर्गी ★ आँतें सड़ना व आमाशय की कमजोरी ★ आँतों का अल्सर एवं कैंसर ★ विष प्रतिरोधक शक्ति का नाश ★ एपेंडिसाइटिस ★ एक्जिमा, मुँहासे आदि त्वचा रोग ★ गुर्दे की बीमारी ★ माइग्रेन, इंफेक्शन, मासिकधर्म सम्बन्धी रोग ★ कैंसर इत्यादि ★ सन्धिवात, गठिया एवं वायुरोग इस प्रकार, शरीर के सम्यक् प्रबन्धन के लिए मांसाहार एवं अण्डाहार का सर्वथा त्याग करना आवश्यक कर्तव्य है। ख) मद्यपान - शराब एवं नशीले पदार्थों के सेवन से भी स्वास्थ्य की अत्यधिक हानि होती है। यह प्रमाद का हेतु भी है। जैनाचार्यों ने एकान्त में भी किए गए मद्यपान को महादोष बताया है। आचार्य हरिभद्र ने मद्यपान करने वाले व्यक्ति में निम्न विसंगतियों का होना दर्शाया है123 - ★ शरीर की विद्रुपता * विविध शारीरिक रोग ★ स्नायुओं की शिथिलता 38 जीवन-प्रबन्धन के तत्त्व 264 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003975
Book TitleJain Achar Mimansa me Jivan Prabandhan ke Tattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManishsagar
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2013
Total Pages900
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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