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महत्त्वपूर्ण (आवश्यक) रचनात्मक या सृजनात्मक कार्य, जीवन-मूल्यों के विकास में सहायक - कार्य, व्यक्तिविशेष कार्य से सम्बन्ध बनाना अथवा विच्छेद करना इत्यादि ।
विशेष अक्सर होने वाली भूलें
★ कुछ व्यक्ति 'तात्कालिक कार्य में ही पूरा समय निकाल देते हैं। प्रतिदिन के संकटों से न उबर पाने उनका व्यक्तित्व समस्यावादी बन जाता है ।
★ कुछ व्यक्ति 'तात्कालिक कार्य को पूरा करके शेष समय 'अनावश्यक कार्यों में व्यतीत कर देते हैं ।
★ कुछ व्यक्ति 'तात्कालिक' कार्य और 'आवश्यक' कार्य दोनों को छोड़कर सिर्फ 'अनावश्यक' कार्य में ही समय नष्ट कर देते हैं।
यह विचारणीय है कि तात्कालिक कार्य करणीय अवश्य हैं, किन्तु ऐसा न हो कि हम उनमें उलझकर अपने व्यक्तित्व के विकास की उपेक्षा कर दें ।
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उत्तराध्ययनसूत्र में कहा गया है। 'हर कहीं और हर वस्तु में मन को मत लगा बैठिए । " यदि मन बारम्बार भटकता और ललचाता रहेगा, तो किसी भी कार्य में एकाग्रता नहीं आएगी, अतः प्राथमिकता पर आधारित कार्य-सूची बनानी चाहिए, जिससे अपेक्षित सफलता की प्राप्ति हो सके । 4.6.4 सही समयय-सारणी बनाना (Right Time Table)'
अंग्रेजी में समय-सारणी (टाइम-टेबल) को इस प्रकार परिभाषित किया गया है events arranged according to the time when they take place'.
टाइम-टेबल में तीन मुख्य तत्त्वों को होना अनिवार्य है
★ काम, जो करना है ।
★ समयावधि, जिसमें कार्य सम्पन्न करना है ।
★ समय, जिस पर वह काम करना है ।
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‘समय-सारणी' (टाइम टेबल) वस्तुतः 'कार्य' और 'समय' का परस्पर अनुबन्ध है ।
कभी-कभी यह भ्रम होता है कि समय-सारणी बनाना आधुनिक तकनीक है, परन्तु यदि अतीत के जैनग्रन्थों को देखें, तो सर्वत्र ही समय-प्रबद्ध कार्यशैली के दर्शन होते हैं। जैन - परम्परा में इसे 'कालग्रहण' कहा जाता है। 'आचार दिनकर' नामक जैनग्रन्थ में इसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया बताई गई है।
जैनआचारशास्त्रों ने साधु-साध्वियों को अपने आचार पालन के लिए स्पष्ट कहा है कि जो
अध्याय 4: समय-प्रबन्धन
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