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________________ 'ध्यानस्तव'' • 143 के अनुसार - "प्रभो! तुम्हारे अनुगृहीत स्वरूप, अर्थात् तुम्हारे प्रमाद से मानसिक - विकल्पता से रहित होकर, एकाग्रता को पाकर जिसमें आपके नामपद का नाम के अक्षर या मंत्रों का जो जाप होता है, उसको पदस्थ - ध्यान कहा जाता है।" 144 अक्षरध्यान अक्षरों के द्वारा ध्याता शरीर के तीन भागों की कल्पना करता है, अर्थात् नाभिकमल, हृदयकमल तथा मुखकमल की मानसिक - कमलाकृति का चिन्तन करता है, जैसे- मेरे नाभिकमल में सोलह दलवाला एक कमल स्थित है, जिसकी एक-एक पंखुड़ी पर 'अ' 'आ' 'इ' 'ई' आदि ऐसे सोलह अक्षरों का अंकन है। ध्याता इन वर्गों पर अध्यवसायों को स्थिर करता है । 145 हृदयकमल में साधक चौबीस पंखुड़ियों से युक्त एक कमल की परिकल्पना करता है, जिसके एकदम बीच में एक कर्णिका भी होती है। इन चौबीस पंखुड़ियों तथा कर्णिका पर 'क', 'ख', 'ग' से लेकर 'प', 'फ', 'ब', 'भ', 'म' तक पच्चीस वर्ण लिखे हुए रहते हैं । 146 मुखकमल पर आठ पत्रवाला एक कमल बना हुआ है, जिसके प्रत्येक पत्ते पर य, र, ल, व, श, ष, स, ह आदि आठ वर्ण अंकित हैं । इस प्रकार, अपने-अपने मण्डलों में विद्यमान अकार से लेकर हकार तक के परमशक्तिसम्पन्न मंत्रों के ध्यान से प्रज्ञा जाग्रत होती है । यह ध्यान इसलोक एवं परलोक में फल प्रदान करने वाला होता है। 147 143 तव नामपदं देव मंत्रमैकाग्रयमीर्यतः । जपतो ध्यानमाम्नातं पदस्थं त्वत्प्रसादतः ।। ध्यानस्तव, श्लो. 29 'प्रस्तुत संदर्भ 'ध्यानशतक एवं ध्यानस्तव' - बालचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री पुस्तक से उद्धृत, पृ. 10-11 144 145 क) द्विगुणाष्टदलाम्भोजे नाभिमण्डलवर्तिनि ख) तत्र षोडशपत्राढ्ये नाभिकन्दगतेऽम्बुजे ।। - ज्ञानार्णव 35 / 3 ।। - योगशास्त्र 8 / 2 Jain Education International 293 146 क) चतुर्विंशतिपत्राढ्यं हृदिकंज ....पंचविंशतिम् ।। - .. पंचविंशतिम् ।। ख) चतुर्विंशतिपत्रं च हृदि पद्म.... 147 क) तत्त्वानुशासन - 107 ज्ञानार्णव, 35/4 योगशास्त्र 8/3 ख) वक्त्रब्जेऽष्टदले ..... । । योगशास्त्र - 8 / 4 - For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003973
Book TitleJinbhadragani Krut Dhyanshatak evam uski Haribhadriya Tika Ek Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyashraddhanjanashreeji
PublisherPriyashraddhanjanashreeji
Publication Year2012
Total Pages495
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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