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विषय-सूची
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प्रथम अध्याय
1-65
1. ग्रन्थ का नामकरण एवं परिचय । 2. ग्रन्थ की भाषा 3. मूलग्रन्थ की विषय-वस्तु 4. मूलग्रन्थकार का परिचय 5. मूलग्रन्थकार का व्यक्तित्व और कृतित्व 6. रचनाकाल 7. टीकाकार हरिभद्र का परिचय 8. टीकाकार हरिभद्र का साहित्यिक अवदान 9. हरिभद्र का ध्यान और योग सम्बन्धी ग्रन्थ 10. हरिभद्र के ध्यानशतक की टीका की विशेषताएँ
66-97
द्वितीय अध्याय
1. ध्यान की परिभाषा और स्वरूप 2. प्रस्तुत ग्रन्थ में ध्यान की परिभाषा . 3. प्रस्तुत ग्रन्थ की हरिभद्रीय टीका में ध्यान की परिभाषा 4. छद्मस्थ और जिनेश्वर के ध्यान 5. ध्यान के प्रकार 6. चार ध्यानों के शुभत्व और अशुभत्व का प्रश्न 7. आर्तध्यान और रौद्रध्यान बन्धन के हेतु 8. साधना की दृष्टि से धर्मध्यान तथा शुक्लध्यान का स्थान और महत्त्व
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