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________________ श्राद्धविधि प्रकरण रत्नशेखरसूरि 16 वीं शती 10. उपासक प्रतिमा विधि पंचाशक - उपासक प्रतिमा श्रावकचर्या से सम्बन्धित है। इसमें श्रावकों को किस प्रकार से साधनायुक्त जीवनचर्या का पालन करते हुए अपने को श्रावक जीवन को साधु जीवन के योग्य बना सके, इसकी चर्चा की जाती है। उपासक प्रतिमा से सम्बन्धित ग्रन्थों की संख्या सैकड़ों में है पर यहाँ पर कुछ महत्त्वपूर्ण ग्रन्थों का ही उल्लेख कर पा रहे हैंकृति कृतिकार कृतिकाल उपासकदशांगसूत्र सुधर्मा स्वामी ई.पू. 5 वीं शती दशासूत्रस्कंधसूत्र भद्रबाहुस्वामी ई.पू. 4 थी शती दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति आर्य भद्र ईसा की 2 री शती पूज्यपाद श्रावकाचार पूज्यपाद देवनन्दी 6 टी शती चारित्रसारगत श्रावकाचार चामुण्डराय 10 वीं शती सावयधम्म दोहा देवसेन/लक्ष्मीचन्द 10 वीं शती उपासकदशांग टीका अभयदेवसूरि 11 वीं शती वसुनन्दिश्रावकाचार आ. वसुनन्दि 13 वीं शती समाचारी तिलकाचार्य 13 वीं शती प्रवज्याविधानकुलकम् श्रुतधर आचार्य 13 वी शती विधिमार्गप्रपा जिनप्रभसूरि वि.सं. 1363 पंचविंशतिगत श्रावकाचार मुनिपद्मनन्दि 14 वीं शती सागारधर्मामृत पं.आशाधर 13 वीं शती चारित्रप्राभृतगत श्रावकाचार . तारण तरण स्वामि वि.सं. 1645 यहाँ यह ज्ञातव्य है दिगम्बर परम्परा में अनेक श्रावकाचारों में भी इसका उल्लेख मिलता है। गुणभूषण श्रावकाचार गुणभूषण 14 वीं शती समाचारीसंग्रह नरेश्वरसूरि 14 वीं शती 624 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003972
Book TitlePanchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji
PublisherKanakprabhashreeji
Publication Year2013
Total Pages683
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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