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________________ 10. 11. 12. 13. 14. (31) (ब) (स) (द) 1. चतुर्थ अध्ययन : पंचाशक प्रकरण में मुनिधर्म 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. पौषधव्रत देशावगाशिक व्रत अतिथिसंविभागव्रत उपासक प्रतिमा विधि : श्रावकाचार का तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन ग्यारह प्रतिमाओ का स्वरूप प्रतिमाओं की वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता व्रत - विवेचन में हरिभद्र का वैशिष्टच व्रत-व्यवस्था की प्रासंगिकता (ब) Jain Education International — - जिनदीक्षाविधि जिनदीक्षा के अयोग्य और योग्य कौन ? साधुधर्मविध पंचम अध्ययन : पंचाशक प्रकरण में तप तप का अर्थ एवं स्वरूप (31) तप के दो प्रकार : साधुसमाचारीविधि पिण्डविधानविधि शीलांगविधानविधि आलोचनाविधि प्रायश्चितविधि स्थितास्थित कल्पविधि भिक्षुप्रतिमाकल्पविधि तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन 1. बाह्य तप 6 प्रकार तप के विविध प्रकार 1. बाह्य तप 2. आभ्यन्तर तप 2. आभ्यन्तर तप के 6 प्रकार For Personal & Private Use Only 385-574 575-610 3 www.jainelibrary.org
SR No.003972
Book TitlePanchashak Prakaran me Pratipadit Jain Achar aur Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakprabhashreeji
PublisherKanakprabhashreeji
Publication Year2013
Total Pages683
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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