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________________ 74 परवर्तीकाल में जैन - साहित्य में प्रायः दर्शन शब्द देव, गुरु और धर्म के प्रति श्रद्धा और भक्ति के अर्थ में रूढ़ हो गया है। आचार्य हेमचन्द्र के अनुसार - सुदेव, सुगुरु और सुधर्म में श्रद्धा सम्यक्त्व है। सम्यक्त्व की यह व्याख्या मुख्यतः गृहस्थ - श्रावक की अपेक्षा से कही गई है, अर्थात् श्रावक को अरिहंतदेव के प्रति पुण्य-भाव, सुगुरु के प्रति सेवा - भक्ति के परिणाम तथा धर्मतत्त्व के प्रति अनुष्ठान भाव रखना चाहिए। इस प्रकार देव, गुरु एवं धर्म में श्रद्धा रखना सम्यक्त्व है। 75 मोक्षपाहुड," आवश्यकसूत्र ", कार्त्तिकेयानुप्रेक्षा", योगशास्त्र " आदि में अठारह दोषों से विरहित सुदेव, निर्ग्रन्थ प्रवचन अर्थात् मोक्षमार्ग के उपदेशक सुगुरु तथा हिंसा आदि से रहित सुधर्म है, इन सभी में श्रद्धा का होना सम्यग्दर्शन है। संक्षेप में तत्त्व के दो भेद हैं, एक - जीव और दूसरा - अजीव । जीव का लक्ष्य शिव है, किन्तु उसका बाधक तत्त्व अजीव है। जीव शिव बनना चाहता है, पर अजीव - तत्त्व जीव में पय- पानीवत् घुल-मिल जाने के कारण जीव अपना शुद्ध स्वरूप पहचान नहीं पाता है। वह अनादि / अनन्तकाल से अपने अशुद्ध रूप को ही शुद्ध रूप समझने की भयंकर भूल कर रहा है, अपने-आपको शुद्ध चैतन्यस्वरूप न मानकर शरीर से, इन्द्रियों से, मन से कर्मोदयजनित मनुष्य - पर्यायों आदि से अभिन्न समझता रहा है, जो मिथ्या धारणा है । 74 75 76 या देवे देवताबुद्धि, गुरौ च गुरुतामतिः धर्मे च धर्मधीः शुद्धा, सम्क्त्वमिदमुच्यते धर्मसंग्रह, प्रथम भाग " हिंसा रहित धम्मे अट्ठारहदोसवज्जिए देवे । निग्गंथ पव्वयणे सहृहणं होइ सम्मतं । । 7 अरिहन्तो मह देवो, जावज्जीवं सुसाहुणो गुरूणो । जिणपणतं तत्तं इअ सम्मत्तं मए गहियं । । 78 8 कार्त्तिकेयानुप्रेक्षा, मूल, 317 7” या देवे देवताबुद्धिर्गुरौ च गुरूतामतिः । धर्मे च धर्मधीः शुद्धा सम्यक्त्वमिदमुच्यते । । 80 जीवरासी चेव अजीवरासी चेव Jain Education International योगशास्त्र 3/2 - मोक्षपाहुड मूल 90 आवश्यकसूत्र योगशास्त्र 2/2 - स्थानांगसूत्र 2/4/95 466 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003971
Book TitleJain Darshan ki Sangna ki Avdharna ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramuditashreeji
PublisherPramuditashreeji
Publication Year2011
Total Pages609
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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