________________
74
लो लो भविष्य अपने आप सुधर जाता है। वर्तमान अतीत की परछाई को लेकर चले तो वर्तमान बिगड़ जाता है और वर्तमान बिगड़ा तो भविष्य भी बिगड़ जाता है। हमारा जीवन आया भी और चला भी गया, ना जीने का सुख मिला ना ही सुखशांति से मर सका। __अतीत की तरह ही भविष्य की चिंता भी हमारी चिता बना देती है। आज में नहीं जीकर हम आने वाले कल में जीते हैं। जो हमें पता ही नहीं है कैसा होगा ? जो पता ही नहीं है कैसा होगा उसके लिए क्या चिंता करना। अपना आज अच्छा होगा, अपना आज सुधार लोगे तो आनेवाला कल अपने आप अच्छा होगा। पर नहीं, हम भविष्य का सोचते हैं, कल्पना करते हैं। तनावमुक्त जीवन जीने की पहली शर्त यही है कि अतीत की घटनाओं से सिर्फ शिक्षा लो और भविष्य की कल्पनाओं को छोड़कर वर्तमान क्षण में जियो।
जिस काल (समय) में जो कार्य करने का हो, उस काल में वही कार्य करना चाहिए।60 भविष्य की कल्पना नहीं और अतीत का बोझ नहीं होगा, तो वर्तमान तनावमुक्त होगा।
-------000---------
60 काले कालं समायरे। - दशवैकालिकसूत्र -5/2/4
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org