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________________ 231 खराब कर देता है, इसलिए इसें समाप्त करने के या कम करने के उपाय पर मनोवैज्ञानिकों ने गंभीरता से विचार किया है। लेजारस एवं फौल्कमैन (Lazarus folkman,1984) के अनुसार वे कुछ उपाय निम्न है - i. पूर्वकथन :- इस उपाय के तहत व्यक्ति पहले से ही अपना मानस ऐसा बना लेता है कि लक्ष्य पूर्ति करते समय बाधाएँ आ सकती है या तनाव उत्पन्न हो सकता है। व्यक्ति यह पूर्वकथन करता है कि परिस्थितियाँ विकट है, वह सामना कैसे करेगा ? ऐसा करने से जब तनावपूर्ण स्थिति आने पर व्यक्ति सही ढंग से उसका सामना कर सकता है, उसे यह मौका मिल जाता है कि वह गंभीरता से उस स्थिति पर विचार कर सके। जैसे फौजी युद्ध में जाने से पहले हमले किस-किस तरह से हो सकते है और कौन सी स्थिति में कैसे आक्रमण करना है इस पर विचार कर स्वयं को उस परिस्थिति के अनुरूप बना लेता है और समय आने पर वह तनाव को बढ़ने नहीं देता है। व्यवहारात्मक उपाय:- इस उपाय में व्यक्ति अपने व्यवहार को बदल लेता है, वह ऐसे कार्य करने लगता है जिससे उसे तनाव की अनुभूति कम हो। जैसे अन्य बातों में ध्यान लगाना तथा शराब, सिगरेट आदि अधिक मात्रा में पीना या फिर किन्हीं सामाजिक या भावनात्मक व्यक्तियों के सम्पर्क में रहना, जो उसका समर्थन कर सकें। iii. प्रतिक्रिया निर्माण :- इसमें व्यक्ति तनाव उत्पन्न करने वाली इच्छा. या विचार के ठीक विपरीत इच्छा या विचार विकसित करके तनाव को कम करता है। भ्रष्टाचार से चिन्तित एवं तनावग्रस्त नेता प्रायः 93 Internal and external determination of behaviour, Lazarus and Lanuier, Page 311 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003970
Book TitleJain Dharm Darshan me Tanav Prabandhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTrupti Jain
PublisherTrupti Jain
Publication Year2012
Total Pages387
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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