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रोम रोम रस पीजे : ललितप्रभ
हिंसा-अहिंसा मांस खाने के कारण किसी को हिंसक कहना तथ्य की स्थूलता है। वास्तव में अन्तर्-वत्तियों में हिंसा होने के कारण ही व्यक्ति तामसिक पाहार करता है।
हीन स्वयं को हीन मानने से बड़ा कोई पाप नहीं है ।
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