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रोम रोम रस पीजे : ललितप्रभ
सहृदयता मित्रों से तो हृदय का सम्बन्ध होता ही है, जो दुश्मनों के दिलों को भी जीत लेता है, वही विश्व बंधुत्व का सच्चा उत्तराधिकारी है।
सहिष्णुता सुख का स्वागत करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति तैयार रहता है, लेकिन जीवन में आने वाली बाधाओं को हँसतेहँसते सहन करना साधना है।
___समत्व की ऊँचाइयों को वही छू सकता है, जो दो कटु शब्द सुनने की क्षमता रखता है।
सही-गलत सही हाथों में मशाल जाने से दुनिया में रोशनी का संचार होता है। वहीं गलत हाथ वाले उस मशाल के जरिये रोशनी को बदनाम करते हैं ।
साक्षी-भाव साक्षी-भाव के अतिरिक्त जो भी विकल्प करोगे, वह मन का तादात्म्य ही होगा।
धन के समर्थन का कम्पन राग है और विरोधी कम्पन द्वष । वीतरागता साक्षी-भाव में है ।
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